वाहनों के नियमों में बड़ा बदलाव, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कॉन्फ्रेंस करके दी जानकारी

पंचकुला | सीएम मनोहर लाल खट्टर ने आज नवरात्रि के पहले दिन ही हरियाणा निवास पर अपना भाषण देते हुए कहा कि नवरात्रि एक नई शुरुआत और नई उमंग लाती है. इसी दौरान आज उन्होनें 17 अक्टूबर को हरियाणा निवास पर प्रैस कॉन्फ्रेंस करने का निर्णय लिया था. इस भाषण के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उनकी सरकार ने बहुत से नए सुधार किए हैं. तभी उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा किसानों को डायरेक्ट पेमेंट देने की जरूरत को समझा व इस विषय पर काम किया है. आरटीओ के नाम को बदलकर डीटीओ रखने का सुझाव रखा जहां उन्होंने बताया कि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट का एक स्पेशल ऑफिसर होगा. अंबाला, गुड़गांव, करनाल, फरीदाबाद, एवं रेवाडी इन सब में गाड़ियों का चेकअप इलेक्ट्रॉनिकली होगा. साथ ही, सभी व्हाट्सएप ग्रुप पर भी जांच रखी जाएगी और उन्हें बंद करने की कोशिश की जाएगी क्योंकि ग्रुप के कारण सभी लोगों में यह सूचना की तरह फैल जाती थी कि कहां और कब छापेमारी होने वाली है.

Haryana CM Press Conference

11 जिलों में ड्राइविंग टेस्ट होगा ऑटोमेटिक

कैथल, बहादुरगढ़, रोहतक, फरीदाबाद, नूह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल, और यमुनानगर जिले में ऑटोमेटिक ड्राइविंग लाइसैंस टेस्ट केन्द्र बनाया जाएगा. इसमें ख़ुद ब खुद जांच लिया जाएगा कि किस व्यक्ति को कितना कुछ सही आता है और उसके आधार पर ही उसे लाइसेंस दिया जाएगा. अन्यथा उसका लाइसेंस रद्द हो जाएगा या उसे लाइसेंस की प्राप्ति ही नहीं होगी. हालांकि, इन सब में समय जरूर लगेगा किंतु 1 साल के अंदर ही यह सभी सेंटर बनकर तैयार हो जाएंगे. इन केंद्रों के बनकर तैयार होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि किसी नौसिखिए को लाइसेंस नहीं प्राप्त होगा और इससे सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ में भी कमी होगी. इस दौरान खर्च की बात की जाए तो लगभग 30 करोड़ रुपए लागत आएगी.

ऑटोमेटिक पोर्टेबल स्केल

यह सिस्टम बिल्कुल नया और ऑटोमेटिक है. जहां पर सड़क से वाहन जब भी निकलेगा तो उसका वजन खुद ही हो जाएगा और उसको पता भी नहीं चलेगा. पहले के समय में किसी भी धर्म कांटे से वाहन का वजन कराया जाता था जो सही या गलत उन पर ही निर्भर करता था किंतु अब एक नया बदलाव है. सरकार द्वारा 45 स्केल खरीद लिए गए हैं और अगर यहाँ अच्छा काम करेंगे तो उम्मीद है आगे भी इनकी खरीदारी सरकार द्वारा आवशयकतानुसार अवश्य की जाएगी.

यह सिर्फ 1 इंच सड़क की ऊंचाई से लंबा होता है और इस टिपर को सड़क के दोनों तरफ लगाया जाता है. यह वाहन इनका वजन करके पता लगा सकता है कि वाहन ओवरलोड है या नहीं और इसकी जानकारी आगे तक पहुंच सकती है. आरटीओ की टीम द्वारा अभी कोई गड़बड़ ना हो इसलिए उनके शरीर पर बॉडी कैमरा का उपयोग किया जाएगा. जिससे यह जानकारी स्पष्ट तौर पर मिल सकती है कि उनके द्वारा क्या बातचीत की गई और क्या लेनदेन हुआ है. आरटीओ इंस्पेक्टर के द्वारा की गई गड़बड़ पूरे विभाग के सामने आ सके इसलिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया गया है. अंत में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वाहनों की पार्किग पर भी ध्यान दिया और कहा कि डीटीओ अलग- अलग स्थानों पर इसकी जांच व सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्णय दृढ़ करेंगे.

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