खुशखबरी भारत में ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल के जरिए स्कूलों को दोबारा खोला जा सकता है

देश में कोरोना वायरस के कारण पिछले कई महीनों से स्कूल बंद पड़े हुए हैं. अभी अनलॉक 4 में सितंबर माह के अंत में स्कूलों को खोलने पर विचार किया जा सकता है. ऐसे में ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल की चर्चा है जिससे स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए प्रयोग किया जा सकता है.

आपको बता दें बच्चों के लिए ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल फिलहाल अमेरिका में प्रयोग किया जा रहा है. यह बच्चों को पढ़ाई कराने का एक बेहतरीन मॉडल है. भारत में भी इसे लागू करने पर सहमति बन सकती है. आइए जानते हैं ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल क्या है.

School Student

‘लर्निंग पॉड’ शब्द का प्रयोग कुछ ही समय पहले से ही किया जाने लगा है. इसके तहत लोग कुछ भरोसेमंद साथियों को सुनकर एक छोटा सा समूह तैयार करते हैं. आपको बता दें इस समूह में बाहर से किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं होती है. ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल में 10 बच्चों का एक छोटा सा समूह तैयार किया जाता है. और उनके ऊपर एक टीचर की ड्यूटी लगाई जाती है.

 

बच्चों का इतना छोटा समूह होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का आसानी से ध्यान रखा जा सकता है. लर्निंग कोर्स के तहत एक इलाके या कस्बे में रहने वाले अभिभावक अपने बच्चे को पढ़ाई कराने के लिए किसी नजदीकी स्कूल में भेज पाएंगे. बता दें फिलहाल अमेरिका में लर्निंग कोर्स में शामिल बच्चों के लिए अभिभावक एक ट्यूटर को हायर कर लेते हैं.

 

इसका चुनाव टीचर की योग्यता के हिसाब से किया जाता है. आप अच्छी तरह जानते हैं कि बच्चा अन्य साथियों के साथ अच्छी तरह पढ़ाई करता है. जबकि वह अकेला पड़ गए ऑनलाइन या ऑफलाइन बोर महसूस करता है. ऐसे में बच्चों का छोटा समूह मिलने के बनने बनाने के कारण उसके साथियों से वह मिलेगा और उस वह पढ़ाई में अपनी रुचि ज्यादा दिखाएगा. भारत में भी कई एक्सपर्टो ने अमेरिका के ‘लर्निंग पॉड’ मॉडल को प्रयोग करने की सलाह दी  है l

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