कोर्ट में पुलिस बोली- जांच में सहयोग नहीं कर रहा है सुशील पहलवान, अभी और सबूत जुटाने की जरूरत

नई दिल्ली | जुनियर पहलवान सागर धनखड़ मर्डर केस में आरोपी पहलवान सुशील कुमार और अजय सहरावत को शनिवार को क्राइम ब्रांच में रोहिणी कोर्ट में पेश किया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी के दौरान पुलिस ने दोनों का रिमांड 7 दिन तक ओर बढ़ाने की मांग की.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी मामले से जुड़े अहम सबूत जुटाने की जरूरत है लेकिन आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. आरोपियों के वकील के विरोध के बावजूद कोर्ट ने दोनों की रिमांड अवधि 4 दिन और बढ़ाने का फैसला किया.

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कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए कि नियमों के तहत आरोपियों का हर 24 घंटे में मेडिकल चेकअप करवाया जाएं. रोहिणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से सरकारी वकील ने बताया कि मामले से संबंधित बरामद सात गाड़ियों में से चार का लिंक आरोपियों से मिला है जबकि बाकी तीन किसकी है, इसके बारे में अभी पुछताछ की जा रही है. पुलिस को अभी तक पहलवान सुशील का मोबाइल भी बरामद नहीं हुआ है और ना ही आरोपियों के कपड़े बरामद हुए हैं जो वारदात के वक्त पहने हुए थे. अभी इस केस में अन्य आरोपियों की भी तलाश है जिन्हें आरोपियों से पूछताछ और निशानदेही के आधार पर ही काबू किया जा सकता है.

सुशील के घर लगें कैमरे का डीवीआर सिस्टम नहीं मिला

पुलिस ने कोर्ट में यह भी बताया कि सुशील के घर पर लगें सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर गायब हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना बाकी है और आरोपियों को उन जगहों पर ले जाना भी जरूरी है जहां वे पुलिस से बचने के लिए छिपते रहे थे.
वहीं दूसरी तरफ सुशील के वकील ने कहा कि कोर्ट को यह बताया जाएं कि अभी तक 6 दिन की कस्टडी में क्या किया. सोशल मीडिया पर ख़बरें आ रही है कि पुलिस के पास वारदात का वीडियो है, मीडिया के पास यह वीडियो कैसे पहुंचा. सुशील के वकील ने कहा कि आखिर कैसे यह मामला मॉडल टाउन थाने से क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. इसके जवाब में पुलिस के वकील ने बताया कि दिल्ली पुलिस आयुक्त को पूरा अधिकार है कि वह मामले की जांच किसी भी यूनिट को सौंपे. वह जांच अधिकारी को किसी भी समय बदल सकते हैं.

प्रिंस को सरकारी गवाह बना सकती है पुलिस

इस हत्याकांड में पहलवान सुशील के लिए सबसे बड़ी मुसीबत उसके अपने ही खड़ी कर सकते हैं. इस मामले में सबसे पहले अरेस्ट हुए आरोपी प्रिंस दलाल को दिल्ली पुलिस सुशील के सामने सरकारी गवाह बनाकर पेश कर सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक इसी ने अपने मोबाइल से पूरी घटना को कैमरे में कैद किया था. पुलिस आने पर सभी आरोपी वहां से भाग निकले थे लेकिन प्रिंस को स्टेडियम के रास्तों की जानकारी नहीं थी और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया था.

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