रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खुशखबरी, आज से लागू हुआ ये नया नियम

नई दिल्ली | आजादी के अमृत महोत्सव पर भारतीय रेलवे ने अपने 13 लाख कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है. दरअसल रेलवे कर्मचारियों की घर से दूर तैनाती एक बड़ा मुद्दा है और अक्सर रेलवे कर्मचारी इस समस्या से जूझते हुए नजर आते हैं. यही वजह है कि रेलवे कर्मचारी घर के नजदीक ट्रांसफर कराने के लिए जोड़तोड़ करते रहते हैं और इसमें उन्हें खासी मुश्किलें भी आती है. लेकिन अब ट्रांसफर के काम को रेलवे आसान बनाने जा रही है.

TRAIN RAILWAY STATION

ट्रांसफर करने की मिलेगी आजादी

रेलवे बोर्ड ने आजादी के अमृत महोत्सव पर ऐसी पॉलिसी तैयार करने का ऐलान किया है जिससे रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों को ट्रांसफर कराने में आजादी मिलेगी. इस पॉलिसी को 15 अगस्त 2022 से देशभर में लागू कर दिया गया है. बता दें कि रेलवे के अलग- अलग तरह के ट्रांसफर होते हैं और कारखाने वाले कर्मियों का नियमित ट्रांसफर आमतौर पर वर्कशॉप के अंदर ही होता रहता है.

म्यूचुअल ट्रांसफर मिलने पर काम हो जाता है आसान

वहीं ज‍िस स्‍टॉफ की डिवीजन में तैनाती है, उसे डिवीजन में ही ट्रांसफर म‍िलता है. लेक‍िन यद‍ि कोई स्टाफ इंटर डिवीजन या इंटर जोनल ट्रांसफर चाहता है तो उसमें बड़ी द‍िक्‍कत हो जाती है. हालांक‍ि यद‍ि कोई स्‍टॉफ म्यूचुअल ट्रांसफर कराने वाला म‍िल गया तो यह काम आसान हो जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होने पर यह बहुत मुश्‍क‍िल काम है.

क्या हैं ट्रांसफर मॉड्यूल

कर्मचारियों की ट्रांसफर से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे द्वारा 15 अगस्त 2022 से ट्रांसफर मॉड्यूल लागू कर दिया गया है. इसके तहत रेलवे के सॉफ्टवेयर बनाने वाले संगठन सेंटर फोर रेलवे इंफोर्मेशन सिस्टम (CRIS) ने कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए एक अहम माड्यूल तैयार क‍िया है,जिसको एनआरएमएस (NRMS) नाम दिया गया है.

रेलवे विभाग का कहना है कि इंटर जोनल और इंटर डिविजनल ट्रांसफर के लिए सभी आवेदन इसी माड्यूल के जरिए फाइल होगी. इसके अलावा पहले से लंबित ट्रांसफर आवेदनों को भी इसी माड्यूल पर अपलोड किया जाएगा. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस माड्यूल के लागू होने से ट्रांसफर प्रकिया में पारदर्शिता आएगी.

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि किसी कर्मी का ट्रांसफर समय नजदीक आने पर वह एनआरएमएस में आनलाइन आवेदन कर सकेगा. एक ही जगह के लिए दो आवेदन आने पर पहले वाले को प्राथमिकता दी जाएगी. कर्मचारी के आवेदन पत्र पर सुपरवाइजर, ब्रांच अधिकारी और कार्मिक विभाग के अधिकारी भी राय दे सकेंगे. लेकिन ट्रांसफर पर आखिरी फैसला डीआरएम या एडीआरएम का ही होगा.

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