लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित, पूरे मॉनसून सत्र में सिर्फ 2 घंटे हुआ काम बाकी हंगामा

नई दिल्ली | भारतीय संसद में इस साल का मॉनसून सत्र आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष ने सरकार को पेगासस जासूस कांड, कृषि कानून, बेरोजगारी, महंगाई जैसें मुद्दों पर सरकार को घेरने का काम किया और हंगामा होता रहा. जिस कारण लोकसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से नहीं चलाया जा सका और काम की बातों पर चर्चा ना के बराबर हुई.

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के स्थगित करने की जानकारी दी. यानी अब मॉनसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही नहीं होगी. पूरे मॉनसून सत्र में लगातार हो रहे हंगामे के बीच दो दिन पहले ही मॉनसून सत्र को समाप्त करने का फैसला लिया गया है. इस बार का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक होना था.

आज बुधवार सुबह 11:00 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई. जिसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो पहले संसद सदस्य और केंद्र में मंत्री थे. नित्यानंद मिश्रा, गोपालराव मायेकर और सुदर्शन रॉय चौधरी के लिए भी श्रद्धांजलि दी गई.

कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा- लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह कार्यवाही शुरू होने पर बताया कि 17वीं लोकसभा की छठी बैठक 19 जुलाई 2021 को शुरू हुई और इस दौरान 17 बैठकों में 21 घंटे 14 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा, सदन में कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. बिरला ने बताया कि व्यवधान के कारण 96 घंटे में करीब 74 घंटे कामकाज नहीं हो सका. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन रहा. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किये गए. चार नये सदस्यों ने शपथ ली.

66 तारांकित प्रश्नों के दिए उत्तर

बिरला ने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिये गए और सदस्यों ने नियम 377 के तहत 331 मामले उठाये. उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न स्थायी समितियों ने 60 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये, 22 मंत्रियों ने वक्तव्य दिये और काफी संख्या में पत्र सभापटल पर रखे गए. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान अनेक वित्तीय एवं विधायी कार्य निष्पादित किये गए.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के वक्तव्य के बाद वंदे मातरम की धुन बजाई गयी और सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं अन्य सदस्य मौजूद थे.

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