मौसम विभाग ने दिल्ली- NCR के लोगों को सुनाई खुशखबरी, बताया कब तक मिलेगी प्रदुषण से राहत

नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र इन दिनों गैस का गुब्बारा बन चुका है. बढ़ते प्रदुषण का आलम ये है कि लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुभर हो गया है. हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है और धुंध की मोटी चादर ने दिल्ली को अपने आगोश में ले लिया है. इन हालातों को देखते हुए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है.

India Gate Smog

क्या है इस हाल की वजह

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र की आबोहवा जहरीली होने की सबसे बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा में पराली जलानें के बढ़ते मामले और मौसमी गतिविधियां है. इस समय हवा की रफ्तार बेहद धीमी है और जब पराली जलाई जाती है तो उससे उठने वाला धुआं जम जाता है. इसलिए इन दिनों दिल्ली का प्रदुषण दमघोंटू हो चुका है. हालांकि, मौसम विभाग की ओर से एक अच्छी खबर सामने आई है, जिससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना बनी हुई है.

कब मिलेगी राहत

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव नजर आएगा और तभी प्रदूषण से राहत भी मिलेगी. 7 नवंबर के आसपास पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की उम्मीद बनी हुई है और इससे हल्की- फुल्की बूंदाबांदी होने के आसार बन रहे हैं. बारिश से आसमान में जमा धूल- कण और धुआं साफ होने से प्रदुषण स्तर में कमी आएगी.

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजन महापात्रा ने कहा है कि ठंड के समय में इस क्षेत्र का ऐटमॉस्फेरिक सर्कुलेशन एंटी साइक्लोनिक हो जाता है. इससे हवा नीचे की ओर आती है. वहीं मॉनसून के दौरान हवा ऊपर की ओर उठती है. हवा नीचे की ओर होने की वजह से स्मोग के कण भी निचली सतह में आ जाते हैं. इसी वजह से दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है.

उन्होंने बताया कि इस समय पंजाब और हरियाणा में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है और इन राज्यों का प्रदुषण दिल्ली में आकर ठहर जाता है. क्योंकि पाकिस्तान से आने वाली हवा पंजाब से होकर दिल्ली की ओर बहती है. पिछले कुछ दिनों से पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है और इसी वजह से दिल्ली में प्रदुषण से हाल बेहाल हो गए हैं.

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