टोल नाका दूरी को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, लाखों वाहन चालकों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली | केन्द्र में मोदी सरकार (Narendra Modi) बने हुए लगभग 8 साल होने को है और इस दौरान कोई मंत्रालय अगर सबसे ज्यादा तारीफें बटोर रहा है तो वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय है. इस मंत्रालय का जिम्मा 2014 से नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को सौंपा गया है और विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सड़कों का विकास बेहतरीन तरीके से हो रहा है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है.

TOLL

संसद में किया बड़ा ऐलान

बुधवार को केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सदन में दिए गए एक बयान ने कई चर्चाओं को हवा दे दी है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि नेशनल हाईवे पर 60 किलोमीटर से पहले कोई टोल टैक्स (Toll Taxes) नहीं लगेगा. सड़कों के लिए जारी बजटीय आवंटन पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने आश्वस्त किया कि 60 किलोमीटर से कम दूरी के सभी टोल टैक्स खत्म किए जाएंगे.

लोगों के मन में कई सवाल

गडकरी के इस फैसले का लोग दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं लेकिन साथ ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ऐसे में हम आपको समझाते हैं टोल टैक्स का पूरा गुणा- गणित.

टोल टैक्‍स या सिर्फ टोल वह शुल्‍क है जो वाहन चालकों को तय सड़कों, पुलों, सुरंगों से गुजरने पर देना पड़ता है. ऐसी सड़कों को टोल रोड़ कहा जाता है. यह इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है. यह रोड टैक्‍स से इतर है जो RTO वाहन मालिकों से वसूल करते हैं.

आखिर कब तक भरना होता है टोल टैक्स

नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे बनाने में अरबों रुपए की लागत राशि खर्च की जाती है. ऐसे में टोल के जरिए उस लागत राशि को वसूला जाता है. हाईवे के रख-रखाव पर खर्च होने वाली राशि के लिए टोल टैक्स लिया जाता है. एक बार हाइवे की लागत रिकवर हो जाने पर टोल टैक्स 40 प्रतिशत हो जाता है जो रखरखाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

टोल कैसे तय किया जाता है

आमतौर पर एक टोल से दूसरे टोल की दूरी 60 किलोमीटर होने पर ही टोल टैक्स वसूल किया जाता है. अगर इससे कम दूरी पर टोल वसूली हो रही है तो रोड़ की वास्तविक लंबाई के आधार पर टैक्स वसूली की जा सकती हैं. पुल, सुरंग, हाइवे की चौड़ाई आदि कई फैक्टर्स होते हैं जिनके आधार पर यह तय होता है कि वाहन चालक को कितना टोल टैक्स देना होगा.

लोकल लोगों के लिए बनेंगे ख़ास पास

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही बार टोल टैक्स की वसूली की जानी चाहिए. हालांकि कई जगहों पर इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि 3 महीने के अंदर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल नाका हो, बाकी बंद किए जाएंगे. केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि लोकल लोगों के लिए टोल नाका पार करने हेतु आधार कार्ड आधारित पास बनाए जाएंगे.

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