क्या उम्मीदों पर खरा उतरेगा बजट 2022, जानें आम बजट से जुड़ी सबसे बड़ी उम्मीदें

दिल्ली । देश के आम बजट को आने में अब महज 1 सप्ताह का समय बचा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करेंगे. आपको बता दें मोदी सरकार का यह दसवां और बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह चौथा आम बजट होगा. ऐसी भी संभावना है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर और बढ़ती महंगाई को लेकर इस बजट में कई मुद्दे शामिल हो सकते हैं. आइए जानते हैं बजट 2022 से जुड़ी सबसे बड़ी उम्मीदें.

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महंगाई और महामारी से जुड़ी राहत

वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई कार्यस्थल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से आपूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उत्पाद की कीमत में से ब्याज दर बढ़ने की आशंका अधिक है. कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ा है. वही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों में कोरोना संबंधित मेडिकल खर्चों पर टैक्स राहत की शुरुआत की गई है. अनुमान है कि भारत में भी इससे जुड़े कुछ प्रावधान किए जा सकते हैं.

वर्क फ्रॉम होम के खर्चों पर टैक्स राहत की उम्मीद

कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर काफी तेजी से फैला है. हालांकि इसके चलते कर्मियों के अतिरिक्त खर्चों में इजाफा हुआ है. ऑफिस का काम करने के लिए घर में इंटरनेट कनेक्टिविटी, घर पर ऑफिस सेटअप, इलेक्ट्रॉनिक अत्यधिक खर्चे को उठाना पड़ रहा है. ऐसे में इस बार सरकार से उम्मीद की जा रही है. आम बजट के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन खर्चों के लिए के राहत का प्रावधान किया जाए.

इंश्योरेंस पर जीएसटी टैक्स से राहत

इस बार के आम बजट में सरकार का सबसे अधिक जो देश के करदाताओं पर रहने की संभावना क्योंकि पिछले कई वर्षों में करदाताओं के लिए कोई नई घोषणा नहीं की गई. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार इंश्योरेंस, मेडिक्लेम प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी टैक्स कम किया जा सकता है.

ऑटोमोबाइल क्षेत्र मिल सकती है राहत

बीते दो दशकों से घरेलू ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी बुरे दौर से गुजर रहा है. हालांकि देश की कुल जीडीपी में ऑटोमोबाइल सेक्टर का 7.5 प्रतिशत योगदान रहता है. वह बीते लंबे समय से ऑटोमोबाइल सेक्टर की ओर से एक समान टैक्स की व्यवस्था करने की मांग उठ रही है. ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से अपनी बजट मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को सुझाव भेजे जा चुके हैं.

स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट प्लेटफार्म से जुड़े लोगों को इस बार आम बजट से काफी उम्मीद है. वह चाहते हैं कि प्रतिभूति लेनदेन पर टैक्स में कमी होनी चाहिए. वही शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्रालय की ओर से सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को खत्म करना चाहिए या फिर कम होना चाहिए.

डिजिटल इंडिया एवं स्टार्टअप इंडिया

विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल इंडिया की वजह से अर्थव्यवस्था में वित्तीय वर्ष 2021 22 में शानदार ग्रोथ देखने को मिली है और एक बार फिर देश इसी विकास की राह पर अग्रसर हो ऐसी उम्मीद की जा रही है. आपको बता दें स्टार्टअप गतिविधियों से सरकार के राहत पैकेज से भारत इज ऑफ डूइंग बिजनेस को काफी बढ़ावा मिलता है. ऐसे में संभावना है कि इस वित्तीय वर्ष डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं को लेकर कोई नई घोषणा की जा सकती है.

ज्वेलरी उद्योग

आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाएगा इसको लेकर सभी करदाताओं को काफी उम्मीद है इसी के साथ ज्वेलरी सेक्टर ने भी वित्त मंत्रालय के सामने अपनी मांग रखी है. जिसके तहत इनकम टैक्स स्लैब रेट 10, 15, 20 फीसदी ऊपर नहीं होना चाहिए. साथ ही जीएसटी सेल्स टैक्स एक फीसदी होना चाहिए और सोना चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी चार्ज 4 फीसदी रखने की मांग की गई है. अब ऐसे में देखना यह है कि वित्त मंत्रालय द्वारा इनकी मांगों को मांगा जाता है या नहीं.

इनकम टैक्स के 80डी सेक्शन में बदलाव की उम्मीद

आपको बता दें इनकम टैक्स 80डी सेक्शन के तहत वरिष्ठ नागरिकों को ₹50000 तक का डिडक्शन का फायदा होता है. हालांकि यह फायदा केवल उन्हीं वरिष्ठ लोगों को मिलता है, जिन्होंने किसी प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस को कवर नहीं किया हो. उम्मीद है कि इस बार आम बजट के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स 80डी सेक्शन के तहत सभी उम्र के लोगों को डिडक्शन का फायदे की घोषणा कर सकती है.

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