हरियाणा के पानीपत में भूजल स्तर बचाने की कवायद शुरू, फैक्ट्रियों में खपत हो रहे पानी का दोबारा होगा उपयोग

पानीपत । गिरते भूजल स्तर को लेकर अब जल शक्ति मंत्रालय गंभीर हो गया है. भूजल स्तर को बचाने के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन टीम ने पानीपत के सीईटीपी (कॉमन इम्प्लैन्ट ट्रीटमेंट प्लांट) कनेक्शन किया. टीम में शामिल डॉक्टर शिव प्रताप, ए रघुवंशी के बादबाद डॉक्टर विवेक ने दोनों सीईटीपी के पानी के सैंपल लिए हैं.

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21-21 MLD क्षमता 38 MLD पानी मिल रहा

सेक्टर 29 पार्ट दो में लगे दोनों सीईटीपी की क्षमता 42 एमएलडी है जबकि इनको 38 एमएलडी पानी मिल रहा है. ट्रीट किए गए पानी की नाले में छोड़ा जा रहा है. जो यमुना में मिल रहा है. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी साफ किया गया पानी नाले में छोड़ा जा रहा है. जिससे कोई लाभ नहीं हो रहा. भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है.

जेडएलडी लगाने की कवायद

भूजल स्तर बचाने के साथ ही पानी का दोबारा प्रयोग हो इस पर गंभीर से विचार हो रहा है. सीईटीपी के सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई हो गयी. इस पानी की कैसे बचाया जाएगा. इसका फैसला किया जाएगा. उद्योगों को दोबारा यह पानी दिया जा सकता है. पानी का बेवजह इस्तेमाल न हो इसके लिए जेएलडी लगाने पर भी विचार किया गया है.

इंडस्ट्री के सैंपल भरे

नेशनल मिशन फॉर क्लीन की टीम ने कुराड़ रोड पर गोरखा इंडस्ट्री के सैंपल भी भरे. मिंक कंबल बनाने वाले उद्योगों में जल प्रदूषण की शिकायत मिली थी. जिसपर कार्रवाई करते हुए सैंपल भरे गए.

दो माह बाद चेयरमैन नियुक्त

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन का पद दो माह से खाली पड़ा था जिसके कारण 20 से अधिक क्लोजर नोटिस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही थी. जिन उद्योगों को प्रदूषण फैलातें हुए पकड़ा गया था उन्हें सील नहीं किया गया. अब चेयरमैन की नियुक्ति होने पर ये रास्ता आसान हो गया है. सोमवार को सुमिता मिश्रा आईएएस को चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अतिरिक्त चार्ज दिया गया.

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