पानीपत में महंगा पड़ गया Facebook पर हथियारों के साथ फोटो डालना, पड़ोसी फोजी ने करवाई FIR दर्ज, जानिए क्या कहता है कानून? 

पानीपत । आपने एक गीत सुना होगा, मित्रां नूं शौक हथियारा दां…। इसी गीत की तर्ज पर तीन युवकों ने फेसबुक पर अवैध राइफल-पिस्तौल और गोलियों के साथ अपनी फोटो व वीडियो अपलोड कर दी. पड़ोस में रहने वाले रामलभाया के बेटे ने जब अपने पिता को ये फोटो दिखाए तो उन्होंने इन युवकों को समझाया कि इस तरह के फोटो न अपलोड किया करें, पर युवक नहीं माने. 

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अक्सर आज के युवाओं को कानून का ख़ौफ़ नहीं है वे हथियारों के साथ सेल्फी लेना या फ़ोटो लेना और सोशल मीडिया पर अपलोड करना आम बात समझते हैं. युवा फैशन में इस कदर खो जाते हैं कि कानूनों का भी उलंघन करते नज़र आते हैं. ऐसी एक घटना नहीं है, जबकि हर रोज होती हैं. हमारे देश के हजारों युवा रोज-रोज Facebook पर हथियारों के साथ फोटो डालते हैं लेकिन उनके खिलाफ़ पुलिस कोई एक्शन नहीं लेती, यहां तक कि राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के ऊपर तो FIR भी दर्ज नहीं होती. 

यह मामला हरियाणा के पानीपत का है जहां युवकों ने फेसबुक पर अवैध राइफल-पिस्तौल और गोलियों के साथ अपनी फोटो व वीडियो अपलोड कर दी. यहां तक कि तलवार से केक भी काटा. इंडियन नेवी से रिटायर और जर्मनी की कंपनी में मरीन इंजीनियर रहे रामलभाया ने सूबा सिंह, तरुण शर्मा और सरबजीत उर्फ सन्नी पर केस दर्ज करा दिया है. पुलिस ने तीनों पर आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 30 के तहत केस दर्ज किया है. दोषी साबित होने पर तीन साल की कैद हो सकती है. 

पुलिस को दी शिकायत में रामलभाया ने बताया कि इन्होंने अवैध हथियार के साथ फोटो डाले. इन्होंने हथियारों का गलत इस्तेमाल किया. न्यू प्रकाश नगर का तरुण शर्मा, नूरवाला के मुकेश बावा इस पूरी साजिश में मुख्य आरोपित हैं. इनके पास गोलियों से भरी बेल्ट भी है. सितंबर 2020 में बेटे ने इनके फेसबुक पर फोटो देखे. तब इसकी पुलिस को शिकायत दी गई थी. 

पहले पुलिस ने क्या कहा?

रामलभाया ने बताया कि एसआइ जगमोहिंद्र ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि इस तरह से फोटो अपलोड करना इनकी हाबी है. किसी को नुकसान पहुंचाने या धमकी देने जैसी कोई बात नहीं है. शिकायतकर्ता ने गलत आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता दबाव बना रहे हैं. जांचकर्ता ने ये भी नहीं बताया कि इनके पास हथियार का लाइसेंस है या नहीं. उन्हें अपने जानकारों से पता चला है कि इनके पास लाइसेंस नहीं है. इस मामले की जांच किसी और अधिकारी से कराई जाए. 

जन्मदिन पर फिर दिखाए हथियार

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 19 नवंबर, 2020 को एक बार फिर से तरुण शर्मा ने मुकेश बावा के जन्मदिन पर हथियार के साथ फोटो अपलोड किए. वीडियो भी डाला गया. उस दौरान कई लोग दिख रहे हैं. कोई हादसा भी हो सकता था. किसी में इतना साहस नहीं था कि उनसे पूछता कि हथियार कहां से लाए, क्यों लहरा रहे हो. बावा ने तो तलवार के साथ केक काटा.

SP को शिकायत देने पर दर्ज हुआ केस

रामलभाया ने बताया कि जब किला पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की तो उन्होंने SP को शिकायत भेजी. वहां से शिकायत दोबारा थाने पहुंचे. जांच होने पर आरोपितों पर केस दर्ज हुआ. आरोपित उन पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। पर वह डरने वाले नहीं हैं. पुलिस भी इनके साथ मिली है. अवैध रूप से हथियार लेकर समाज को भयभीत करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. 

रंजिश की वजह से फंसा रहे

वहीं, तरुण ने जागरण से बातचीत में कहा कि शिकायकर्ता रामलभाया और उसके बेटे ने हम पर हमला किया था. सिर फोड़ दिया था. उस मामले में दोनों को जमानत मिली हुई है. केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसी रंजिश में आर्म्स एक्ट का केस दर्ज कराया है. उनके पास लाइसेंस है. किसी खराब नीयत से फोटो नहीं डाला. यह फोटो भी वर्ष 2016 का है. 

फेसबुक पर हथियारों के साथ फोटो अपलोड करना अपराध है: भादू

एडवोकेट वीरेंद्र ¨सह भादू ने वार्ड नंबर 17 स्थित श्रीराम पब्लिक स्कूल में युवा और सोशल मीडिया विषय पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि “फेसबुक, वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया और साइट्स पर हथियारों के साथ स्वयं की फोटो अपलोड करना एक गैरकानूनी कृत्य है और यह शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध है” 

एडवोकेट भादू ने कहा कि लाइसेंसी हथियारों का सार्वजनिक तौर पर खुल्लम खुल्ला प्रदर्शन या दिखावा करना शस्त्र अधिनियम की उल्लंघना है क्योंकि सोशल मीडिया व सोशल साइट्स भी एक सावर्जनिक मंच है. उन्होनें कहा कि यदि किसी के द्वारा हथियार की फोटो के साथ पोस्ट में उसका हथियार लाइसेंसशुद्धा है तो उसका लाइसेंस रद किया जा सकता है.

उसका हथियार जब्त किया जा सकता है. यदि कोई व्यक्ति अपना लाइसेंसी हथियार किसी दूसरे व्यक्ति को हथियार के साथ ऐसी फोटो अपलोड करने के लिए देता है तो ऐसे दोनों ही व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है. यदि कोई व्यक्ति अवैध हथियार के साथ अपनी कोई फोटो किसी सोशल साइट्स पर अपलोड करता है तो ऐसी स्थिति में उसके विरुद्ध उसी के अनुसार पुलिस द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही की जा सकती है. 

तीन से दस साल की हो सकती है सजा

सोशल मीडिया पूरी तरह से सार्वजनिक मंच है. लिहाजा वहां असलहे के साथ फोटो टैग करना सार्वजनिक प्रदर्शन के दायरे में आता है. ऐसा करने वालों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 3/27 के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है. इसमें आरोपी को तीन साल से दस साल तक की जेल हो सकती है. इस कानून में असलहा लाइसेंस अनिवार्य रूप से निरस्त करने का भी निर्देश है. 

गौरतलब है पानीपत के तीन युवकों ने Facebook पर हथियारों के साथ अपनी फोटो अपलोड कर दी. पड़ोसी ने मना किया पर वह नहीं माने और फ़ोटो अपलोड कर दी. बाद में पड़ोसी सेवानिवृत फौजी ने युवकों के खिलाफ़ FIR दर्ज करा दी है. 

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