हरियाणा में वीवीआईपी घोटाला, अफसरों की आईडी से किए गाड़ियों के नंबर अलॉट

पानीपत । हरियाणा के पानीपत जिले से घोटाले का एक अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है. यहां जालसाजों ने पानीपत और समालखा के एसडीएम की यूजर आईडी के इस्तेमाल के जरिए वीवीआईपी नंबर जारी कर दिए. ये नंबर गाड़ियों को अलॉट किए गए हैं. आमतौर पर वीवीआईपी नंबर लेने के लिए बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है लेकिन भुगतान से बचने के लिए दलालों ने मिलीभगत करके अफसरों के कम्प्यूटर की यूजर आईडी का प्रयोग कर नंबर अलॉट करवा लिएं.

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नंबर 0003,0005,0006,0009 है. एसपी शशांक सावन की निगरानी में जब मामले की जांच की गई तो घोटाले का पर्दाफाश हुआ. हालांकि अभी तक उन सरकारी कर्मचारियों के नाम सामने नहीं आएं हैं जो इस मिलीभगत में शामिल हैं. जाहिर है जांच को आगे बढ़ाया गया तो कर्मचारी सस्पेंड हो सकतें हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पानीपत और समालखा एसडीएम की यूजर आईडी से सात वीवीआईपी नंबर जारी कर दिए गए हैं. आमतौर पर एक नंबर की कीमत 50 हजार रुपए से डेढ़-दो लाख तक होती है. ये वीवीआईपी नंबर जारी करने का अधिकार सिर्फ ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को होता है.

धोखाधड़ी का केस दर्ज

थाना शहर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. जो कर्मचारी इस घोटाले में शामिल पाया जाता है ,उसका नाम इस मामले में जोड़ा जाएगा. इस पूरे प्रकरण के बाद पानीपत और समालखा एसडीएम के कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लेकिन अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या दलाल इतने एक्टिवेट हो गए हैं कि एसडीएम की यूजर आईडी तक इस्तेमाल करने लगे हैं.

एनआईसी ने की जांच

एनआईसी की जांच में सामने आया है कि एक यूजर आईडी पानीपत एसडीएम और दूसरी समालखा एसडीएम के नाम है. जाहिर सी बात है इतने बड़े स्तर पर घोटाले को अंजाम बिना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के नहीं दिया जा सकता है.

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