ओपी चौटाला के गढ़ में अमित शाह ने दिए नए सियासी उठापटक के संकेत, यहाँ समझें राजनीतिक दांव के मायने

चंडीगढ़ | हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए ‘मिशन 2024’ शुरू करते ही अमित शाह ने चौटाला परिवार को लेकर नए राजनीतिक संकेत दे दिए. शाह ने रविवार को सिरसा में रैली की थी, जहां उनके निशाने पर पूर्व कांग्रेस सरकार के सीएम भूपेंद्र हुड्डा रहे. सिरसा चौटाला परिवार का राजनीतिक गढ़ है. सबकी उम्मीद के विपरीत शाह ने यहां चौटाला परिवार पर कोई बयान नहीं दिया.

Om Prakash Chautala

शाह ने न तो इनेलो प्रमुख ओपी चौटाला के बारे में कुछ कहा और न ही राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी जेजेपी के बारे में. इस रैली में जजपा को भी नहीं बुलाया गया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी चौटाला परिवार से दूरी नहीं बनाना चाहती है. पार्टी चाहे कोई भी हो जरूरत पड़ने पर बीजेपी सबको साथ ला सकती है.

अमित शाह के राजनीतिक दांव के मायने

हरियाणा में जेजेपी के साथ मिलकर बीजेपी सरकार चला रही है. बीजेपी के 41 विधायक और 10 विधायक जजपा के मिलाकर प्रदेश में गठबंधन सरकार चल रही है. इन दिनों दोनों पार्टियों में चुनाव को लेकर गठबंधन में खटास की बात चल रही है. शाह की रैली में जजपा का कोई नेता नजर नहीं आया. जजपा प्रमुख अजय चौटाला और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी नजर नहीं आए. इसे इस बात का संकेत माना जा रहा है कि बीजेपी अकेले चुनाव लड़ सकती है. चूंकि, शाह के कार्यक्रम में पिता- पुत्र का कोई जिक्र नहीं है. इसलिए चर्चा है कि बीजेपी उन्हें बता रही है कि वे हरियाणा में बीजेपी की मजबूरी नहीं हैं.

शाह ने इनेलो के बारे में कुछ नहीं कहा. ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के सीएम भी रह चुके हैं. उनके पुत्र अभय चौटाला विधायक हैं. इसके बावजूद, शाह ने इनेलो को निशाने पर नहीं लिया. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी जरूरत पड़ने पर जेजेपी पर निर्भर नहीं रहेगी लेकिन इनेलो से भी परहेज नहीं करेगी. यह इसलिए भी अहम है क्योंकि कांग्रेस और इनेलो के बीच गठबंधन को लेकर पहले भी बवाल होता रहा है. हालांकि, दोनों ही पार्टियों ने इससे इनकार किया है.

बता दें कि जहां शाह की रैली हुई थी वह चौटाला परिवार का गढ़ है. खासकर पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौधरी देवीलाल का यहां के लोग पूरा सम्मान करते हैं इसीलिए शाह ने अपने भाषण में उनका जिक्र किया. इतना ही नहीं, गृह मंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे रंजीत चौटाला के घर भी गए. रंजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव जीते और वर्तमान में हरियाणा सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं.

भाजपा का देवीलाल परिवार से पुराना नाता

चौधरी देवीलाल को याद करते हुए शाह ने हरियाणा की जनता को भी संकेत दिया कि वे अपने पुराने सहयोगियों को कभी नहीं भूले. भाजपा और चौधरी देवीलाल के परिवार का पुराना रिश्ता है. 1987 के चुनाव में तत्कालीन लोकदल के साथ भाजपा का गठबंधन था. इसके बाद, साल 1999 में बीजेपी ने हरियाणा विकास पार्टी के साथ गठबंधन किया लेकिन एचवीपी से गठबंधन तोड़कर बीजेपी ने ओपी चौटाला की इनेलो से गठबंधन कर लिया. फिर ओपी चौटाला मुख्यमंत्री बने.

इस गठबंधन ने 1999 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, यह गठबंधन 2004 में टूट गया. अब ओपी चौटाला के बेटे अजय सिंह और पोते दुष्यंत चौटाला जेजेपी के रूप में गठबंधन के साथी हैं.

देवीलाल के कुनबे के 3 परिवार बीजेपी के साथ

मौजूदा समय में चौधरी देवीलाल के कुनबे के 3 परिवार बीजेपी के साथ हैं. चौधरी देवीलाल के पुत्र रंजीत चौटाला निर्दलीय विधायक कोटे से सरकार में मंत्री हैं. चौधरी देवीलाल के पुत्र जगदीश चौटाला के पुत्र आदित्य चौटाला भाजपा के जिलाध्यक्ष और हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष हैं. चौधरी देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम हैं. सिर्फ 1 विधायक वाली इनेलो गठबंधन से बाहर है.

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