हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद BJP संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी, केंद्रीय नेतृत्व से मिली मंजूरी

चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद राज्य BJP के संगठनात्मक ढांचे की अलग ही तस्वीर देखने को मिलेगी. सीएम मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) के साथ चर्चा कर नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है. मुख्यमंत्री को भरोसे में लेने के बाद नायब सैनी ने अपने संभावित फैसलों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सहमति प्राप्त कर ली है तो वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी आशीर्वाद लिया है. बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व ने सीएम के साथ तालमेल कर प्रदेश अध्यक्ष को संगठन के लिए खुलकर काम करने की आजादी दे दी है.

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सीएम ने नायब सैनी का नाम पेशकश किया

बीजेपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर इसलिए बदलाव हुआ है क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार और संगठन में तालमेल का अभाव कोई बड़ा नुकसान कर सकता था. इसलिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम मनोहर लाल के आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें उनकी पसंद का प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी के रूप में सौंप दिया है.

पूरी कमेटी बदले जाने की संभावना

तीनों महामंत्री डा. पवन सैनी, मोहन लाल बडौली और वेदपाल एडवोकेट के स्थानों पर नई नियुक्तियां संभव हैं. डॉ. पवन सैनी और मोहन लाल बडौली पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के प्रति आस्था में बंधे हैं जबकि वेदपाल एडवोकेट मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम के आदमी हैं, लेकिन महामंत्री के पद पर उनकी 2 बार नियुक्ति हो चुकी है. ऐसे में पूरी कमेटी बदले जाने की संभावना नजर आ रही है.

वहीं, ज्यादातर जिलों के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे. करीब एक दर्जन जिलाध्यक्ष ऐसे हैं, जिनपर नेता विशेष के नाम की छाप लगी है जबकि आधा दर्जन जिलाध्यक्षों के कामकाज में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है. पार्टी के जिला प्रभारियों को बदलकर भी नए दायित्व सौंपे जा सकते हैं. पूरी प्रदेश मीडिया टीम भी बदले जाने के आसार बने हुए हैं और प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया विभाग के लिए अरुण यादव की प्रदेश संयोजक पद पर नियुक्ति कर इसकी शुरुआत कर दी है.

भाजपा की कोर कमेटी में भी बदलाव संभव

अधिकतर प्रवक्ता व सह प्रवक्ता बदले जाने की तैयारी है क्योंकि लोकसभा व विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को तेज तर्रार मीडिया टीम व प्रवक्ताओं की ज़रूरत है जो तीसरी बार सरकार बनाने के लिए काम करें. फील्ड में चुपचाप काम करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं को पार्टी जिलाध्यक्ष पदों की जिम्मेदारियां सौंप सकती है.

वहीं, प्रदेश स्तर पर राज्य की कोर कमेटी का गठन भी नए सिरे से किया जा सकता है. कोषाध्यक्ष के पद पर भी बदलाव तय है. ऐसे में लोकसभा और विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद हरियाणा बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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