रेवाड़ी में धारा 144 लागू, इस वजह से लिया फैसला; जिले में सभी निर्माण कार्यों पर लगा प्रतिबंध

रेवाडी | हरियाणा के जिला रेवाड़ी में लगातार पांचवें दिन प्रदूषण का स्तर 350 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है. लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर बुधवार को डीसी ने अधिकारियों की बैठक ली. डीसी राहुल हुड्‌डा ने जिले में कूड़ा- कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक, रबर व अन्य ज्वलनशील पदार्थ समेत अपशिष्ट पदार्थ जलाने पर धारा 144 के तहत कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं.

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इन पर लगी रोक

आदेशों में कहा गया है कि कचरा, पत्तियां, प्लास्टिक, रबर और अन्य ज्वलनशील पदार्थों सहित अपशिष्ट पदार्थों को जलाने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे पर्यावरण में विषाक्त पदार्थ बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिले के खुले क्षेत्रों, सड़कों, पिछवाड़े, औद्योगिक या ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ को जलाना सख्त वर्जित है. आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, समूहों या संस्थाओं को कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिले में नगर परिषद, सभी नगर पालिकाएं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कानून प्रवर्तन एजेंसियां आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगी और कचरा जलाने की किसी भी घटना की निगरानी करेंगी और रिपोर्ट करेंगी. गौरतलब है कि सरकार ने एनसीआर में जीआरपी के चौथे चरण के लिए प्रतिबंध लागू कर दिए हैं.

जिले में सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध

डीसी ने लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन सहित संबंधित अधिकारियों को जिले में सभी निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ की कार्रवाई पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध है, वहां निर्माण की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने नगर परिषद, नगर पालिका, एचएसआईआईडीसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से जिले में निर्माण स्थलों और औद्योगिक इकाइयों का दौरा करने को कहा है.

यदि जीआरएपी नियमों की अनदेखी करते हुए कोई अनियमितता और लापरवाही पाई जाती है, तो उन्हें दंडित किया जाए. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और उनके खिलाफ चालान भी काटा जाएगा. उन्होंने धूल उड़ने से रोकने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए.

जिले में पटाखों पर प्रतिबंध

डीसी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिले में पटाखों (हरित पटाखों को छोड़कर) के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश 1 नवंबर से जिले में लागू हो गए हैं, जो 31 जनवरी 2024 तक प्रभावी रहेंगे. संबंधित एसडीएम को निर्देश दिया गया है कि वे अपने- अपने अधिकार क्षेत्र में निर्माण स्थलों और औद्योगिक इकाइयों की नियमित छापेमारी और औचक निरीक्षण करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें.

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