हरियाणा में हुड्डा परिवार के लिए चुनौती बना अपना ही गढ़, जीते तो गवाएंगे राज्यसभा सीट

रोहतक | लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी के लिए हरियाणा में एक नई समस्या सामने खड़ी हो गई है. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित करने पर पेंच फस सकता है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 69(2) में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति पहले से ही राज्यसभा सदस्य हैं. इसके बाद वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है, तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट उसके लोकसभा सदस्य चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाएगी.

deepender hooda

यदि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से संभावित प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट पर जीत दर्ज करते हैं तो चुनाव परिणाम के दिन ही उन्हें संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जीत का निर्वाचन सर्टिफिकेट प्रदान करने के साथ ही वह राज्यसभा सांसद नही रहेंगे.

जीत के मजबूत दावेदार

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) रोहतक लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के सबसे मजबूत दावेदार हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी उन्हें यदि रोहतक लोकसभा के चुनावी रण में उतारती है, तो केंद्रीय नेतृत्व को एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा. दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर सांसद बनने पर उनकी राज्यसभा सदस्यता तत्काल खत्म हो जाएगी.

2026 तक कार्यकाल

हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अप्रैल 2020 से अप्रैल 2026 तक है. ऐसे में रोहतक लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बनने पर उनकी राज्यसभा सदस्यता 4 जून 2024 को समाप्त हो जाएगी. ऐसे में उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल 1 साल से भी अधिक रह जाएगा.

उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनावों की समाप्ति के बाद इलेक्शन कमीशन इंडिया देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई सभी राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव कराएगा. उसमें जाहिर है कि दीपेंद्र हुड्डा वाली सीट भी शामिल होगी. फिर वह सीट दोबारा कांग्रेस को नहीं मिलेगी.

BJP के कोटे में जाएगी सीट

हरियाणा की मौजूदा 14वीं विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक चलेगा. आज की तारीख में जननायक जनता पार्टी के 10 विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने के बावजूद सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के पास सदन में बहुमत है. इसलिए दीपेंद्र हुड्डा की जीत के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित होकर अप्रैल, 2026 तक राज्यसभा जा सकता है.

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