हरियाणा के लाल ने विदेश मंत्रालय की नोकरी छोड़ फ़िल्म इंडस्ट्री में मचाया धमाल, ख़ूब बटोरी वाहवाही

सोनीपत । हरियाणा के नाहरी गांव इन दिनों ओलिंपियन पहलवान रवि दहिया की वजह से प्रसिद्धी पा ही रहा है. अब यहां के एक देसी छोरे ने हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री का नई संजीवनी दी है. दरअसल नाहरी गांव के युवा विजेता दहिया अपनी फिल्म के जरिए टूटते परिवार के दर्द को उकेर रहे है. उनके द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म ‘दरारें’ ओटीटी स्पेस एमएक्स प्लेयर पर खूब वाहवाही लूट रही है. इसी महीने रिलीज हुई फिल्म की सराहना हरियाणा से संबंध रखने वाले और बालीवुड के जाने-माने एक्टर यशपाल शर्मा भी कर चुके है. 

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हरियाणा में चंद्रावल जैसी कुछ सुपरहिट फिल्म तो बनी लेकिन हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री वो मुकाम नहीं पा सकी जिसकी वो हकदार है. ऐसे में कुछ युवा हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाने में जुटे है. ऐसा ही कुछ प्रयास नाहरी गांव के विजेता दहिया ने किया है. विजेता ने खुद ही फिल्म को लिखा है. निर्देशित भी खुद ही किया है.

वहीं फिल्म में बतौर एक्टर भी काम किया है.फिल्म ने पूरे भारत के कंटेंट से मुकाबला करते हुए ‘पापुलर कंटेंट’ की श्रेणी में जगह हासिल कर ली है. हरियाणा के एक किसान परिवार पर आधारित फिल्म में परिवारों के टूटने के कारण और उससे उपजे दर्द को उकेरा गया है. यह फिल्म हरियाणा के एक किसान परिवार की कहानी है. तीन भाई हैं. बडे़ भाई-भाभी ने दोनों छोटे भाइयों को लाड़-प्यार से बडा़ किया लेकिन अब जब वे बडे़ हो गए हैं नौकरी कर रहे हैं, शादी हो गई है, तो घर में दरारें आने लगी हैं. प्यार और मीठी यादों की जीत होगी या लालच के चलते परिवार बिखर जाएगा. इसी को आधार बना कर फिल्म का ताना-बाना बुना गया है. 

यूरोप के लिस्बन फिल्म फेस्टिव में दिखाई जा चुकी एक शार्ट फिल्म 

फिल्म के लेखक, निर्देशक विजेता दहिया ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पढाई की. कुछ समय कारपोरेट नौकरी में काम किया. इसलिए SSC सीजीएलई की परीक्षा दी और विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन अफसर की नौकरी पाई. विजेता कहते है बचपन से तमन्ना था कि प्रदेश की संस्कृति के लिए कुछ किया जाए.

पीछे छूटते रिश्तों व लुप्त होती संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाऊं. उसके बाद विदेश मंत्रालय की नौकरी छोड़ दी और फिल्म के जरिए ये कार्य करने की सोची. इसका परिणाम है दरारें जैसी फिल्म बन पाई. इससे पहले 8 मिनट की एक शाार्ट फिल्म’टेक केयर’बना चुके है. जो यूरोप के लिस्बन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी. इसके अलावा हरियाणवी स्टार अंजलि राघव के साथ एक वीडियो सांग बना चुके है. 

लोगों की जुबान पर चढ़ा ‘भर कै आया जी’ गाना 

फिल्म में 3 गाने हैं, जिन्हें संगीत दिया है सौरभ लालवाणी ने, और अपनी आवाज़ से उनमें जान भर दी है. हरियाणवी गायक सोमवीर कथूरवाल और मीनाक्षी पांचाल ने. ‘भर कै आया जी’ गाना लोगों की जु़बान पर एकदम चढ़ गया है. फिल्म बनाने के पीछे विजेता दहिया अपनी सोच बताते हुए कहते हैं, “देखिए, टाइमपास काम मुझे पसंद नहीं. फिल्म ऐसी हो, जो दिल को छू जाए, जिसमें मनोरंजन भी हो, और कुछ बढिया मैसेज भी. 2 साल बाद भी दर्शक कहे कि हां, मैंने कुछ देखा था. 

विजेता पंडित लख्मीचंद, सत्यजीत राय और आास्ट्रियन फिल्मकार माइकल हैनाके को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते है. दरारें में मुख्य भूमिका निभाई हैं नरेश चहार, स्वाति नांदल और विजय दहिया ने. इन तीनों की नेचुरल एक्टिंग फिल्म की जान हैं. शुद्ध हरियाणवी बोली फिल्म को एक अलग ही स्तर पर ले जाती है. 

गौरतलब है हरियाणा में चंद्रावल जैसी कुछ सुपरहिट फिल्म तो बनी लेकिन हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री वो मुकाम नहीं पा सकी. जिसकी वो हकदार हैं. ऐसे में कुछ युवा हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाने में जुटे है. ऐसा ही कुछ प्रयास नाहरी गांव के विजेता दहिया ने किया है. 

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