ओलंपिक में हरियाणा के पहलवानों का शानदार प्रदर्शन, सोनीपत के रवि और झज्जर के दीपक सेमीफाइनल में…

नई दिल्ली । जापान की राजधानी टोक्यो में चल रही ओलंपिक प्रतियोगिताओं में बीते मंगलवार से कुश्ती खेल की शुरुआत हो चुकी है. आज ओलंपिक के 13वें दिन हरियाणा के पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विपक्षी पहलवानों को चित कर दिया. भारतीय कुश्ती टीम में अधिकतम खिलाड़ी हरियाणा से ही है.

tokyo olympics

आज टोक्यो ओलंपिक से भारत के लिए बहुत अच्छी खबर आई है. कुश्ती के खेल में भारत के 2 खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है. हरियाणा के खिलाड़ी रवि कुमार दहिया और दीपक पुनिया ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतने के बाद सेमीफाइनल में जगह बना ली है. अब यह दोनों खिलाड़ी पदक से मात्र एक जीत दूर है.

दीपक ने सेमीफाइनल में बनाई जगह

पुरुष वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 86 किग्रा वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय पहलवान दीपक पूनिया ने नाइजीरिया के एकरेकेमे एगियोमोर को 12-1 से हराकर एकतरफा जीत हासिल की. इसके बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय पहलवान दीपक पूनिया ने चीन के जुशेन लिन से हुआ. इस मुकाबले में दीपक ने जुशेन लिन 6-3 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. दीपक ने आखिरी सेकंड में दांव लगाकर दो अंक जुटाए. अब दीपक का सेमीफाइनल मुकाबला अमरीका के डेविड मॉरिस टेलर से होगा.

रवि की भी सेमीफाइनल में हुई एंट्री

भारतीय स्टार पहलवान रवि कुमार ने पुरुष फ्रीस्टाइल कुश्ती के 57 किग्रा भारवर्ग में प्री-क्वार्टर फाइनल में शानदार खेल दिखाया. रवि का प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबला कोलंबिया के ऑस्कर टाइग्रेरोस से हुआ. इस मुकाबले में रवि ने कोलंबिया के पहलवान को 11-2 के बड़े अंतर से एक तरफा मात दी. क्वार्टर फाइनल में शानदार जीत के बाद रवि का क्वार्टर फाइनल मुक़ाबला बुल्गारिया के जॉर्जी वांगेलोव के साथ हुआ. इस मुकाबले में भी उन्होंने 14-4 से बुल्गारिया के जॉर्जी वांगेलोव को आसानी से हरा दिया. अब रवि कुमार को कजाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव से सेमीफाइनल में भिड़ना होगा.

जानकारी के लिए बता दें कि पहलवान रवि कुमार दहिया हरियाणा सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव नहरी के रहने वाले हैं. वही दीपक पुनिया हरियाणा के झज्जर में जन्मे हैं. दीपक के पिता सुभाष पुनिया ने हमेशा से ही दीपक को कुश्ती के लिए तैयार किया है. जब दीपक 5 साल के थे तब से ही उनके पिता उन्हें कुश्ती के लिए लेकर जाते थे और दंगल दिखाते थे. गौरतलब है कि कुश्ती के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अक्सर हरियाणा के पहलवान ही देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसा ही कुछ टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी देखने को मिल रहा है.

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