अंबाला के पंचमुखी हनुमानजी मंदिर में अलौकिक शक्ति का दावा, यहां पढ़े इससे जुड़े अजब- गजब किस्से

अंबाला | अक्सर कलयुग में हनुमान जी के होने का दावा करते हुए कई बार सुना गया है. मगर अब ये दावा सच होता दिख रहा है. हरियाणा के अंबाला में पंचमुखी हनुमानजी का एक ऐसा मंदिर है जहां ‘राम नाम का जप करो’ की आवाज सुनाई देती है. लोगों का दावा है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान यहां खड़ाऊ की आवाजें सुनाई देती हैं. वहीं, अगर कोई पुजारी रात में मंदिर में रुकता है तो उसकी खाट हिलने लगती है.

Ambala HanumanJi

हल्दरी गांव का यह प्राचीन मंदिर अपनी चमत्कारी और रहस्यमयी आवाजों के कारण लोगों की श्रद्धा का केंद्र बन गया है. यहां हर मंगलवार को सुबह बजरंगबली को 21 किलो आटे की रोटी का महाभोग लगाया जाता है.

मंदिर के पुजारी का दावा

मंदिर के पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने दावा किया कि जो भी रात में मंदिर में रुकता है उसे ब्रह्म मुहूर्त में खड़ाऊ की आवाज सुनाई देती है. कई साल पहले एक- दो बार पुजारी रात को यहां रुके तो कभी उनकी खाट हिलने लगी तो कभी ‘राम नाम जपो’ के स्वर सुनाई देने लगे. उसके बाद, यहां कभी कोई पुजारी रात में नहीं रुकता. वे भी शाम को ही मंदिर में आरती करने आते हैं.

नहीं रुकता कोई पुजारी

इस मंदिर को चलाने वाली श्री बालाजी धाम हल्दरी संस्था के सचिव पदम शास्त्री ने बताया कि जब श्री श्री 108 स्वामी राम किशनदासजी महाराज यहां रामचरितमानस का पाठ किया करते थे तो पेज खत्म होते ही अपने आप पलट जाता था. श्री श्री सुशील गिरि नागा बाबा महाराज और श्री श्री 1008 स्वामी प्रह्लाद दास महाराज यहाँ रुके थे. उनके बाद यहां कोई संत या पुजारी नहीं रह सका.

पदम शास्त्री के अनुसार, कुछ वर्ष पूर्व यहां एक संत आए थे. वे कुछ दिन रुके लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में उन्हें प्रतिदिन खड़ाऊ और ‘राम नाम जपो’ की ध्वनि सुनाई देती थी इसलिए वे यहां से चले गए.

आरती के समय किसी के होने का आभास

पंडित विशाल शर्मा ने दावा किया कि जब कोई भक्त यहां बालाजी की आरती करता है तो उसे कभी अकेलापन महसूस नहीं होता. मंदिर के अंदर आरती करते समय बाहर से हमेशा आवाज आती रहती है. कुछ समय पहले टूंडला से बृजमोहन नाम का व्यक्ति अपने परिवार के साथ यहां पूजा करने आया था.

यहां दोपहर में सिर झुकाते समय उनके परिवार के सभी सदस्यों को अलग- अलग आवाजें सुनाई दीं. कभी- कभी ऐसा लगता था जैसे कोई राम नाम जप रहा है और कभी- कभी ऐसा लगता है जैसे दो व्यक्ति आपस में बात कर रहे हों. हालांकि, उस वक्त यहां कोई नहीं था.

आज तक किसी को नहीं मिली स्थायी गद्दी

श्री बालाजी धाम हलदारी संस्था के सचिव पद्म शास्त्री इसे अपना सौभाग्य मानते हैं कि उन्हें इस मंदिर में सेवा करने का अवसर मिला. पदम शास्त्री के अनुसार, रामकिशन महाराज के बाद आज तक यहां किसी को स्थायी सीट नहीं मिल सकी. यहां आने वाले पुजारी को नींद नहीं आती. रात में इनकी खाट हिलने लगती है हर समय जप करें, जप के स्वर सुनाई देने लगते हैं.

मंदिर का इतिहास

क्षेत्र में मान्यता है कि यहां श्री श्री रामकिशन दास महाराज को साक्षात हनुमानजी ने दर्शन दिए थे. रामकिशन दास महाराज को मानने वालों का दावा है कि बजरंग बली महाराज से भी बात करते थे. रामकिशन दास यहां आने वाले श्रद्धालुओं से कहा करते थे कि यहां बजरंगबली विराजमान हैं. उनके बाद केवल बाबा सुशील गिरि ही यहां रहे.

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