भिवानी की मुक्केबाज जैस्मिन लांगुरिया का जलवा, सेना में बतौर पहली महिला बॉक्सर हुई शामिल

भिवानी | हरियाणा के खिलाड़ियों का जलवा देश और विदेशों में देखने को मिल रहा है. जिससे हरियाणा राज्य को अब खेलों का हब कहा जाने लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा के अधिकतर खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक जीत कर ला रहे हैं. वहीं, अब हरियाणा की बॉक्सर जैस्मिन लंबोरिया भारतीय सेना की पहली महिला बॉक्सर बन गई हैं. बता दें कि जैस्मिन हवलदार की रैंक में शामिल हो गई हैं.

jasmine lamboria

बता दें कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में हरियाणा की भिवानी जैस्मीन लंबोरिया ने सिल्वर मेडल जीता था. जिसके बाद सेना के अधिकारियों ने गुजरात के गांधीनगर जाकर ज्वाइनिंग की प्रक्रिया पूरी की. जैस्मिन वहां राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने गई हैं. इस टूर्नामेंट के बाद जैस्मिन लबोरिया सेना के लिए ही खेलेंगी.

हरियाणा की महिला मुक्केबाजों को होगा फायदा

जैस्मिन लंबोरिया को हवलदार के पद का प्रस्ताव मिला था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. जैस्मिन के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट नीतू घंघास समेत कई महिला मुक्केबाजों का भी प्रस्ताव मिला है. सेना में महिला मुक्केबाजों की भर्ती से हरियाणा की बेटियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकि हरियाणा बॉक्सिंग का हब है.

नौकरी का मिला था सीधा ऑफर

दरअसल, हरियाणा की जैस्मिन लैंबोरिया को सेना की ओर से सीधा ऑफर मिला था, जिसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जैस्मिन सेना में पहली महिला मुक्केबाज बन गई हैं. सेना के एक अधिकारी ने भी जैस्मिन के सेना में भर्ती होने की पुष्टि की है.

बहन जैस्मिन को देख भाई ने भी शुरू की बाक्सिंग

जैस्मिन भिवानी की रहने वाली हैं. जैस्मिन का जन्म 30 अगस्त 2001 को हुआ था. चार भाई-बहनों में जैस्मिन तीसरे नंबर पर हैं. उनके पिता जयबीर होमगार्ड हैं और मां जोगेंद्र कौर गृहिणी हैं. जैस्मिन ने दुबई में आयोजित 2021 एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. उसी वर्ष, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रजत पदक जीता. हाल ही में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता. जैस्मिन की उपलब्धियों को देखकर भाई जयंत ने भी बॉक्सिंग में करियर बनाने का फैसला किया है.

हरियाणा बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रवक्ता और मोटिवेटर ने कहा कि भारतीय सेना ने मिशन ओलंपिक योजना लागू की है. इस योजना के तहत सेना के सभी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. जिस खेल में टीम नहीं होती है, उसमें भी एक टीम बनती है. इस योजना के तहत महिला मुक्केबाजों की नियुक्ति की जा रही है.

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