हरियाणा के युवाओं की बल्ले बल्ले, अब प्राइवेट नौकरियों में मिलेगा 75 फ़ीसदी का आरक्षण

चंडीगढ़ । हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर की 75 फीसदी नौकरियां अब हरियाणा वासियों के लिए होंगी. बुधवार को राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया गया था. निजी क्षेत्रों की 19 से ज्यादा कर्मचारियों वाली प्रत्येक कंपनी, सोसाइटी, उद्योग, फर्म और ट्रस्ट की 50,000 से कम वेतन की नौकरियां इस नए कानून के दायरे में होंगी. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री होने के अधिकार से विधानसभा में यह विधेयक पेश किया था. बता दें कि इस कानून का लाभ केवल हरियाणा के डोमिसाइल धारक नौजवानों को ही मिलेगा.

Dushyant Choutala

प्राइवेट कंपनियों से ली जाएगी कर्मचारियों की जानकारी

कंपनियों को 3 महीने के अंदर अंदर सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर करके यह बताना होगा कि उनके यहां 50,000 तक के वेतन के कितने पद हैं. कंपनियों को यह सूचना भी देनी होगी की इन पदों पर हरियाणा के कितने कर्मचारी कार्यरत हैं. पोर्टल पर यह जानकारी दिए बिना कंपनियां नई भर्तियां नहीं कर पाएंगी.

निजी कंपनियों को छूट प्रदान की गई है कि यदि वह चाहे तो 1 जिले से 10% से अधिक कर्मचारी रखने पर रोक लगा सकती हैं. मान लीजिए कि भिवानी जिले की किसी कंपनी में 50,000 से कम वेतन वाली 100 नौकरियां है तो अगर वह कंपनी चाहे तो भिवानी जिले के 10 और बची हुई 90 नौकरियां अन्य जिलों के युवाओं को दे सकती हैं. कंपनी को कोई दिक्कत नहीं है तो एक ही जिले के 10% से अधिक युवा रोजगार हासिल कर सकेंगे.

नहीं चलेगा कोई बहाना :

अक्सर निजी कंपनियां यह बहाना बनाती है कि उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं. इस नए विधेयक में साफ कहा गया है कि यदि किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी नहीं मिलता है तो इस स्थिति में आरक्षण कानून में छूट दी जाएगी. परंतु इसका निर्णय संबंधित जिला उपायुक्त या उससे उच्च स्तर के अधिकारी करेंगे. लेकिन कंपनी को यह बात साबित करनी होगी कि वह उम्मीदवार संबंधित नौकरी के लिए योग्य नहीं है. यह नया कानून 10 वर्षों तक लागू रहेगा. इसके बाद अगर सरकार चाहे तो इसे बढ़ा भी सकती है. निजी कम्पनी को कानून लागू करने की स्टेटस रिपोर्ट हर 3 महीने में सरकार को देनी होगी.

आधा-अधूरा विधेयक

विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधेयक आधा अधूरा है. सरकार को निजी क्षेत्र में सीधे 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून लागू करना चाहिए था. 1 जिले से अधिकतम 10 प्रतिशत नौजवानों को नौकरी देने की जो छूट निजी कंपनियों को दी गई है वह पूर्णतः गलत है.

दुष्यंत चौटाला का ट्वीट: वादा पूरा हुआ

हरियाणा के लाखों युवाओं से किया हुआ वादा आज हमने पूरा कर दिखाया है. अब प्रदेश की सभी प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी हरियाणा के युवा होंगे. सरकार का हिस्सा बनने के ठीक एक साल बाद आया यह पल मेरे लिए भावुक करने वाला है.

जजपा विधायक सहमत नहीं

JJP के विधायक राम कुमार गौतम इस विधेयक के विरुद्ध है. उन्होंने कहा, ‘इस तरह के बिल संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हैं. जब यहां का आदमी महाराष्ट्र जाकर काम कर सकता है तो दूसरे राज्यों के लोगों को भी यहां नौकरी करने का अधिकार मिलना चाहिए.

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