हरियाणा में काेरोना ने रोकी पंचायत चुनाव की प्रक्रिया, महिला आरक्षण व वार्डबंदी पर भी पेंच फंसा

चंडीगढ़ ।  हरियाणा में पंचायती चुनाव कब होंगे इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. पहले से ही चुनावों में कई प्रकार की अड़चन आ रही थी और अब कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी की वजह से चुनाव प्रक्रिया रुक गई है. कुल मिलाकर देखा जाए तो ग्राम पंचायतों को उनके प्रतिनिधि मिलने में बहुत अधिक देरी हो सकती है. अब हरियाणा चुनाव आयुक्त और सेवानिवृत्त आईएएस धनपत सिंह ने चुनाव आयोग में जिम्मेदारी संभाल ली है. नियुक्ति के तुरंत पश्चात उन्होंने सारे कार्य काज का आरंभ कर दिया है.

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परंतु अभी भी हरियाणा में पंचायत चुनावों में कितना समय लगेगा यह बता पाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि लीगल मामले के निस्तारण, वार्ड बंदी होने के साथ-साथ हरियाणा सरकार की सहमति मिलने के बाद ही चुनाव आयोजित करवाए जा सकेंगे.

नवनियुक्त चुनाव आयुक्त धनपत सिंह भारत के विभिन्न राज्यों और विशेष रूप से हरियाणा में कोरोना वायरस को लेकर बहुत चिंता में है. जैसे कि फरवरी के महीने में पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है और सारा कार्य प्रभार प्रशासकों को दे दिया गया है. इस तरह के माहौल में चुनाव आयुक्त धनपत सिंह कहते हैं कि हरियाणा सरकार के पंचायत विकास विभाग के पास अब कोई और विकल्प नहीं है. दूसरी ओर अदालत में तीन याचिकाएं विचाराधीन है. जिनमें 3 मार्च 2021 को सुनवाई हुई थी.

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हरियाणा में 6235 ग्राम पंचायतें हैं. इसके साथ ही हरियाणा के अंदर करीबन 31000 पंच इन पंचायत चुनावों में चुने जाते हैं. हरियाणा में 22 जिला परिषद भी है, जिन पर भी चुनाव होता है. इसके अतिरिक्त हरियाणा में 107 पंचायतें नई बनाई गई है. हरियाणा ग्राम पंचायत विभाग इनमें एससी, बीसी जाती व महिला के आरक्षण को लेकर कार्य कर रहा है. हरियाणा सरकार की तरफ से पिछले कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग से 2 महीने का समय मांगा गया था. हरियाणा में 142 ब्लॉक समितियां हैं. कुल मिलाकर चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के अनुसार इस बार चुनाव आयोजित होने में समय लगेगा.

 

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