किसानों की बची मांगों को लेकर दिग्विजय चौटाला ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा

चंडीगढ़ । बीतें 2 साल से कोरोना और किसान आंदोलन के कारण भाजपा और जाजपा जैसे राजनीतिक दलों ने जनता से दूरी बना रखी थी. आम जनता ने भी सरकार के इन नुमाइंदों का काफी विरोध किया. लेकिन एक बार फिर से हरियाणा सरकार की यह नुमाइंद जनता के बीच जा रहे है. धड़ल्ले से यात्रा कर रहे हैं और जनता के साथ संवाद करने की कोशिश कर रहें है.

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वहीं बीते कुछ दिनों पहले जाजपा महासचिव दिग्विजय चौटाला और राज्यमंत्री अनूप धानक ने भिवानी जिले के बवानी खेड़ा क्षेत्र में दौरे के लिए निकले थे। प्लान के मुताबिक दोनों को ट्रैक्टर पर सवार होकर हलके के गांवों का दौरा करना था. दौरे की शुरुआत में ही अनूप धानक को मामूली चोट लग गई. हालांकि फिर भी दौरा टाल नहीं गया. पार्टी की यात्रा जारी रही साथ ही दिग्विजय चौटाला मीडिया से भी रूबरू हुए.

मीडिया से रूबरू होते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि “हम हमेशा से ही किसानों के साथ हैं. केंद्र द्वारा किसान कानून बनाए गए और वह अब समाप्ति हो गए लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं रही. हरियाणा किसानों की मांग थी कि किसानों पर दर्ज मुकदमों को रद्द किया जाए. जिसे हरियाणा सरकार ने मान लिया है लेकिन दिल्ली में किसानों की इस बात को नहीं माना गया है. दिल्ली सरकार को भी इस बात को मान लेना चाहिए क्योंकि कि केंद्र सरकार ने किसान कानूनों को वापस ले लिया है.

दिग्विजय चौटाला ने आगे बिहार में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कहा कि “यह बिल्कुल गलत है क्योंकि छात्र पहले से ही रोजगार की तलाश कर रहे हैं ऐसे में उन पर लाठी चार्ज करना सरासर गलत. शिक्षित युवा सड़कों पर घूम रहा है, प्रदर्शन कर रहा है, इसको लेकर हरियाणा सरकार ने यहां 75% आरक्षण का प्रावधान बनाया है. कुछ ऐसा ही रेलवे को भी करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि देश के विकास का मुख्य मार्ग हरियाणा है.अगर हरियाणा का विकास होगा तो पूरा उत्तर भारत आगे बढ़ेगा.

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