बडा झटका: बर्खास्त PTI की खेल व स्कूल विशेष सहायकों की नियुक्ति हुई रद्द

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा उसकी मौजूदगी दर्ज करवाने के बाद अब राज्य में खेल व स्कूल लिए खास तौर पर खेल व स्कूल विशेष सहायकों की भर्ती को रद्द कर दिया गया है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने सभी के लिए एक पब्लिक नोटिस जारी कर कहा है कि अब इन पदों के लिए एक बार फिर से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं, यही विभाग की ओर से अन्तिम फैसला लिया गया है.

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के पश्चात अब हरियाणा सरकार ने खेल और स्कूल विशेष सहायक के पद पर थोड़े ही समय पहले की गई नियुक्तियों को ख़ारिज करने और सार्वजनिक रूप से नोटिस जारी कर नए आवेदन करने की मांग करने का फैसला किया है. यह विशेष जानकारी हरियाणा सरकार ने बीते शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेश की थीं.

HIGH COURT

बिना किसी पूर्व नोटिस के हुई थी भर्ती

इस मामले में हरियाणा सरकार की ओर से बिना किसी पूर्व नोटिस व विज्ञापन के अपने जानकार लोगो को खेल व स्कूल विशेष सहायक के पद पर कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया और फिर बाद में लोगों द्वारा हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी.

यहां हम आपको विशेष रुप से बता दें कि महेंद्रगढ़ के रहने वाले तेजपाल और उनके साथ जुड़े काफी लोगो की ओर से दायर की गई याचिका में खेल व स्कूल विशेष सहायक की भर्ती को हाई कोर्ट में विषेश रूप से चुनौती दी गई थी.

बिना किसी पूर्व सूचना के, केवल थोड़े समय के लिए खोला गया था पोर्टल

इस मामले की सुनवाई के समय पर याचिका दायर करने वाले पक्ष के वकील जसबीर मोर जी ने बेंच के समक्ष पूर्ण रूप से अपनी बात रखते हुए बताया कि वर्ष 1983 में पीटीआइ का चयन कोर्ट की ओर से ख़ारिज करने के पश्चात बर्खास्त किए गए पीटीआइ ने राज्य सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध शुरू कर दिया था. फ़िलहाल, राज्य सरकार ने इस मामले को एक नए दृषटिकोण से देखते हुए इसकी परीक्षा आयोजित की थी, किन्तु सभी बर्खास्त पीटीआइ को नहीं चुना गया था. ऐसे में राज्य सरकार बरोदा उपचुनाव के समय इन सभी टीचरों को नौकरी देने का वचन दिया था. इसके लिए अक्टूबर माह की 24 तारीख़ को थोड़े समय के लिए एक वेब पोर्टल खोला गया था, जिसमें आवेदन करने वालों का चयन कर लिया गया है.

याचिकाकर्ता ने कहा, सिर्फ़ चहेते लोगो की हुई है भर्ती

याचिकाकर्ता ने कहा है कि बिना किसी पूर्व सार्वजनिक सूचना के केवल थोड़े समय के लिए ही वेब पोर्टल खोलने के इस विशेष कदम पर सरकार को चुनौती दी गई है. साथ ही साथ कोर्ट को बताया गया है कि सिर्फ़ चहेेते व अयोग्य लोगो का स्कूल विशेष सहायक के पद पर चयन कर लिया गया है. सबसे ख़ास बात यह रही कि वेब पोर्टल पर न तो किसी भी योग्यता का जिक्र किया गया था और न ही इस बात पर कुछ कहा गया था कि विभाग की ओर से कोई पब्लिक नोटिस जारी किया गया है.

 

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