हरियाणा में कोयले की सप्लाई प्रॉपर ना होने की वजह से, थर्मल प्लांटों पर मंडरा सकता है खतरा

चंडीगढ़ । हरियाणा में आने वाले दिनों में थर्मल प्लांटों के अंदर कोयले की कमी देखने को मिलेगी. हरियाणा के अंदर कोयले की कमी आने से बिजली का संकट भी गहरा सकता है. बता दें कि हरियाणा में कोयले का स्टॉक खत्म हो सकता है. हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि बारिश की वजह से कोयलों की खानों में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से ऐसी दिक्कत आती है. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश ज्यादा हुई है इस वजह से दिक्कत बढ़ गई है.

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थर्मल प्लांटों पर मंडरा सकता है खतरा

वैसे तो हरियाणा के पास 20 दिन के कोयले का स्टॉक रहता है परंतु पिछले दो-तीन महीनों से 3 से 4 दिन का ही स्टॉक रहा है और अब यह स्टॉक और कम हुआ है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोयले की आपूर्ति को लेकर विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं. साधारणत 15 सितंबर तक कोयले की सप्लाई प्रॉपर नहीं हो पाती, लेकिन इस बार बारिश ज्यादा होने की वजह से रेल लाइनों और कोयले की खानों में पानी भर गया, जिस वजह से दिक्कत बढ़ गई है. बता दे कि हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत व खेदड़ के थर्मल प्लांट कोयले पर आधारित है. पानीपत में जहां दो-तीन दिन का कोयला बाकी है,  वहीं यमुनानगर व खेदड़ थर्मल प्लांट में भी यही हालात है.

कोयले का स्टॉक न मिलने की वजह से अधिकारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं. खेदड़ थर्मल प्लांट में जहां 600 मेगावाट के दो यूनिट है. लेकिन उनमें से एक काम कर रहा है. वहा भी मात्र 2 दिन का कोयला बकाया है. इसी तरह यमुनानगर थर्मल प्लांट का एक यूनिट जो 300 मेगावाट का है, उसमे बिजली का उत्पादन चल रहा है. वही दूसरा 300 मेगा वाट का यूनिट मरम्मत के लिए बंद है.

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