लखीमपुर घटना का आंखों देखा सच! घटनास्थल पर मौजूद शख्स ने बताया पूरा मामला

 चंडीगढ़ | उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में देर शाम हुई घटना पर बवाल मचा हुआ है. घटना को लेकर टेलीविजन, समाचार पत्र और सोशल मीडिया पर तरह-तरह की खबरें चलाई जा रही हैं. तमाम तरह की अफवाह और फेक न्यूज़ भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इस रिपोर्ट में घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद शख्स द्वारा बताया गया आंखों देखा सच है.

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घटनास्थल पर मौजूद गुरप्रीत सिंह ने बताया कि रविवार को लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का दौरा था, इसके विरोध में किसानों द्वारा रोड जाम किया था. दिन भर इंतजार के बाद मंत्री नहीं आए और करीब 3:40 पर संयुक्त मोर्चा द्वारा किसानों को अपने-अपने घर जाने के निर्देश दिए. जिसके बाद किसान घर के लिए वापसी करने लगे.

गुरप्रीत बताते हैं कि जैसे ही सभी किसान घर को जाने के लिए सड़कों पर उतरे तभी पीछे (नेपाल बॉर्डर) वाले दिशा से एक स्कॉर्पियो और थार गाड़ी तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह विर्क पर हमला करने के लिए 40 से 50 की स्पीड में किसानों की ओर बढ़ती है. दोनों ही गाड़ियां किसानों को पीछे की तरफ से कुचलते हुए आगे बढ़ी और पुलिस की बस और बैरिकेड के पास रुक गई.

गाड़ी के रुकने के बाद करीब 50 से 60 पुलिसकर्मियों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को किसानों की भीड़ से बचाते हुए गन्ने की खेत की ओर ले गए. जब लोग उनके पीछे भागे तो पुलिस कर्मियों द्वारा रोकने के लिए फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागे गए. जिसके बाद भीड़ उग्र हुई है और उन्होंने गाड़ी को जला दिया. गुरप्रीत सिंह का कहना है कि मंत्री जी के विरोध में किसानों ने सड़क जाम किया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा एक फॉर्च्यूनर और थार में करीब 10 साथियों के साथ आया और किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा देना. जिसमें कई किसान घायल हो गए और मौके पर ही 4 की मौत भी हो गई.

यह रिपोर्ट गांव सवेरा के पत्रकार मनदीप पुनिया के लखीमपुर खीरी से ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है.

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