हरियाणा में अब चुनाव प्रचार कर सकेंगे सरकारी कर्मचारी, प्रतिबंद लगाने का आदेश रद्द  

चंडीगढ़ । हरियाणा द्वारा राज्य सरकार के कर्मचारियों को RSS की गतिविधियों में भाग लेने से प्रतिबंधित करने के पांच दशक बाद, मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सोमवार को 1967 में जारी किए गए फरमान को वापस ले लिया है. सरकार ने 11 जनवरी, 1967 की अधिसूचना के प्रासंगिक हिस्से को वापस ले लिया है.जिसने कर्मचारियों को संघ और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया था.

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मुख्य सचिव के कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शराबबंदी को वापस ले लिया गया क्योंकि इसकी “अब आवश्यकता नहीं है” 1967 के आदेश में कहा गया था कि सरकार ने RSS और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों को इस तरह का माना है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनमें भागीदारी सेवा नियमों के तहत कार्रवाई को आकर्षित करेगी.
हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना में सोमवार को आदेश जारी किए गए, जो राजनीति और चुनाव में कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाते हैं. नए नियमों के अनुसार, “कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीति में भाग लेने वाले किसी भी राजनीतिक दल या किसी भी संगठन का सदस्य नहीं होगा, या अन्यथा उससे जुड़ा नहीं होगा.”

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