हरियाणा सरकार पंचायत चुनाव को तैयार, जानिए फिर क्यों हो रही है देरी

चंडीगढ़ । हरियाणा में पंचायत चुनावों में लगातार देरी हो रही है. हालांकि प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन पंचायत चुनावों में आरक्षण के प्राविधानों के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सोमवार को याचिकाकर्ता की तरफ से अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की गई है. इस पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. इसको देखते हुए फिलहाल यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता तब तक हरियाणा में पंचायत चुनाव होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.

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हरियाणा सरकार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि पंचायत चुनावों के लिए वह बिल्कुल तैयार है लिहाजा कोर्ट उसे इजाजत दे. हाईकोर्ट ने सरकार की इस अर्जी पर याची का पक्ष जानना चाहा लेकिन आज याचिकाकर्ता की तरफ से कोई जवाब दायर नहीं किया गया.

बता दें कि हरियाणा सरकार ने 15 अप्रैल को पंचायती राज नियमों में संशोधन किया था . याचिकाकर्ता ने अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट से रद्द करने की मांग की है.

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि इस संशोधन के तहत जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक पंचायती राज में 8% सीटें बीसी- ए श्रेणी के लिए आरक्षित की गई है और साथ ही तय किया गया है कि न्यूनतम सीटें दो से कम नहीं होनी चाहिए. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में बताया कि यह दोनों ही एक दूसरे के विपरित हैं क्योंकि प्रदेश में 8% के अनुसार सिर्फ छः जिले है जहां दो सीटें आरक्षण के लिए निकलती है. अन्यथा 18 जिलों में सिर्फ एक सीट आरक्षित की जानी है. जबकि सरकार के 15 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी जिलों में बीसी- ए श्रेणी के लिए दो सीटें आरक्षित की है जो कि कानूनन गलत है.

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