हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को अब वापस लिया जायेगा

चंडीगढ़ ।  पिछले साल हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ 9 सितंबर, 2020 से अब तक दर्ज मामलो को वापिस लिया जायेगा। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए है। उन्होंने लिखा है, ‘आपसे अनुरोध है कि 9 सितंबर, 2020 से अब तक हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर पूर्ण तथ्यों, मामले के चरण और विशिष्ट सिफारिश के साथ अपनी टिप्पणी भेजें’ जानकारी के लिए बता दें अबतक राज्य में किसानों पर कुल 276 केस दर्ज हैं, जिसमें से 4 गंभीर अपराध के मामले हैं.

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सीएम ने विधानसभा में दिया जवाब

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन एक सवाल के जवाब में बताया था कि किसानों पर 276 केस दर्ज हैं. जिनमे से 4 मर्डर और रेप के केस हैं. 272 में 178 केस में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. सीएम ने बताया था कि 57 केस अनट्रेस हैं. 8 केस को कैंसल करने की रिपोर्ट भी तैयार हो चुकी है. और 158 मामलों का अभी भी पता नहीं चल पाया है. बाकि 29 केस रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा सीएम मुआवजे को लेकर बोले हमारी किसानो के साथ बातचीत चल रही है, जिसके बाद पता चला कि हरियाणा के मृतक किसानों की संख्या 73 है. वही सीआईडी ​​की रिपोर्ट के मुताबिक, 46 किसानों का पोस्टमार्टम हो चुका है. अब मुआवजे के संबंध में विचार करने के बाद ही फैसला लिया जायेगा.

गौरबतलब है किसान पिछले एक साल से बॉर्डर्स पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगो को लेकर धरने पर बैठे थे. इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश और पंजाब में किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए थे. वही अब जब केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से बात करके उनको भरोसा दिलाया था कि वो राज्य सरकारों से बातचीत कर किसानों पर दर्ज केस जल्द वापस लेने के लिए कहेंगे. जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई.

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