हरियाणा सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए रखा 7342 करोड़ का बजट, यहाँ पढ़े बजट में किसानों को क्या मिला

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने आज विधानसभा के पटल पर वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री एवं सीएम मनोहर लाल ने बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े ऐलान किए. इस साल के बजट में कृषि व अन्य गतिविधियों के लिए 7,342 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. उन्होंने बताया कि हरियाणा के बजट में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों की 18.5% हिस्सेदारी है. हरियाणा देश का इकलौता राज्य है जहां 14 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जा रहा है.

Manohar Lal Khattar CM

कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं

    • सीएम मनोहर लाल ने कहा कि साल 2023- 24 में 20 हजार एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
    • चौधरी चरणसिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान, जींद और सिरसा के मगिंयाना में प्राकृतिक खेती के लिए तीन प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे.
    • जल संरक्षण के लिए फसल चक्र को बदलने पर जोर दिया जाएगा. गन्ना किसानों को फ्लड इरिगेशन के बजाय सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
    • नलकूप के लिए आवेदन कर चुके किसानों को जल्द ही कनेक्शन जारी किए जाएंगे. पीएम- कुसुम के तहत सौर ऊर्जा आधारित कृषि नलकूप दिए जाएंगे. सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए 70,000 सौर पंपों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है.
    • जिन गांवों में भू- जल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य किया गया है.
    • कृषि गतिविधियों में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
    • ढैचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपए प्रति एकड़ की दर से लागत का 80% वहन करेगी.
    • पराली की खेती के लिए 1,000 रुपए और पराली प्रबंधन से संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1,500 रुपए प्रति टन का भुगतान किया जाएगा.

    • साल 2023-34 में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का रकबा एक लाख एकड़ से अधिक रखने का लक्ष्य रखा गया है.
    • बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जाएगी. किसान उत्पादक संगठन के जरिए बागवानी के अधीन क्षेत्र को डबल किया जाएगा. साल 2023-24 में तीन नए बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है. इनमें से एक पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर, दूसरा पिगनवां (नूंह) में प्याज के लिए और तीसरा मुनीमपुर (झज्जर) में फूलों के लिए स्थापित होगा.
    • मोटे अनाज के प्रति सूबे के किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. इसको लेकर हरियाणा में बाजरे की उत्पादकता में सुधार के लिए चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा भिवानी जिले के गोकलपुरा में एक पोषक- अनाज अनुसंधान केंद्र साल 2023 में शुरू कर दिया जाएगा.

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