हरियाणा में 22 जुलाई के बाद हो सकता है पंचायत चुनाव का ऐलान, छुट्टियां भी की गई रद्द

चंडीगढ़ | पंचायती राज संस्थाओं के छठे आम चुनाव की घोषणा 22 जुलाई के बाद किसी भी दिन की जा सकती है. इस बारे में राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत को निर्देश जारी कर दिए हैं. निर्देशों में आयोग ने सभी तैयारियां तुरंत करने को कहा है.

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ताकि जुलाई को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन हो तो इलेक्शन प्रोग्राम का कार्यक्रम जारी किया जा सके. इलेक्शन कमीशन ने अपने पत्र में कहा है कि प्रत्येक 1 हजार मतदाता पर एक पोलिंग बूथ बनाए जाए. चुनाव में कितने कर्मचारी की जरूरत है इसका अनुमान लगाने और इलेक्शन ड्यूटी में अनुभवी अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के बारे में कहा गया है. इसके अलावा, कर्मियों की छुट्टियां रद्द करने के आदेश जारी किए गए हैं.

50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित

बता दें कि निकायों चुनाव की तरह पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिए बिना पंचायत चुनाव ही कराए जाएंगे. वहीं, पंचायतों में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. राज्य सरकार ने पंचायतों में पिछड़े वर्गों के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था, लेकिन पंचायत चुनाव में इसे लागू नहीं किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है निर्देश

आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है. हरियाणा में अभी तक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन नहीं हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आयोग के गठन की घोषणा की है, लेकिन अभी तक इस दिशा में ज्यादा काम नहीं हुआ है. आयोग के गठन के बाद, यह एक सर्वेक्षण करेगा और अपनी सिफारिशें और रिपोर्ट सरकार को देगा. आयोग की सिफारिशों के बाद ही शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों में पिछड़े वर्गों के आरक्षण पर निर्णय लिया जाएगा. पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को केवल सरपंच के पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा.

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