हरियाणा- UP यमुना नदी सीमा विवाद होगा खत्म, इन 6 जिलों में बनेंगे खंभे

चंडीगढ़ | हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों के भूमि विवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया जाएगा. इसके लिए यमुना नदी में सीमा स्तंभ बनाए जाएंगे. यह स्तंभ दीक्षित पुरस्कार के तहत बनाया जाएगा. ये खंभे हरियाणा में यमुना के किनारे 6 जिलों में बनाए जाएंगे. करनाल के अलावा, यमुना नदी जहां से निकलती है. उसमें यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जिलों में सीमा स्तंभ बनाए जाने है.

Yamuna River

विवाद होगा खत्म

अधिकारियों के मुताबिक, पिलर लगने से दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित गांवों के लोगों के बीच जमीन को लेकर विवाद नहीं होगा. एक बड़ा हिस्सा खनन से भी आता है, इससे होने वाले विवादों पर भी अंकुश लगेगा. तीसरा, यमुना नदी हर साल अपना रास्ता बदलती रहती है, पिलर लगने के बाद दोनों राज्यों के बीच सीमांकन का मुद्दा स्थायी रूप से हल हो जाएगा.

लंबे समय तक अस्तित्व में रहेंगे पिलर

विशेषज्ञों ने डिजाइनिंग में इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि ये खंभे लंबे समय तक अस्तित्व में रहें. पिलर नदी में जितनी ऊंचाई पर होगा, उसका एक तिहाई हिस्सा जमीन के अंदर भी दबा होगा. प्रत्येक स्तंभ की ऊंचाई 21.5 मीटर रखी गई है. पानी के अंदर पाइल पिलर लगाए जाने के कारण यह जमीन से 17 मीटर नीचे रहेगा. ऑड- ईवन में पिलर का ऑड नंबर हरियाणा के लिए और ईवन नंबर यूपी के लिए होता है.

2007 में बह गए थे पिलर

फिलहाल, मौजूदा समय में मॉनिटरिंग सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की जायेगी. एसओआई का सर्वे कार्य चल रहा है, करनाल को चिन्हित कर लिया गया है. इसी आधार पर पीडब्ल्यूडी ने पिलर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सबसे पहले वर्ष 2007 में दोनों राज्यों की सीमा निर्धारित करने के लिए यमुना में पिलर लगाए गए थे, जिनमें से कई बह गए थे.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत, साल 2021 में भी सर्वे ऑफ इंडिया के निर्देश पर कुछ नए पिलर बनाए गए. अब सभी 6 जिलों में पूरी तरह से खंभे लगा दिए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी एक्सईएन संदीप के मुताबिक करनाल जिले में पिलर बनाने में करीब 80 लाख रुपये खर्च होंगे. इसका टेंडर जारी कर दिया गया है.

1974 में किया गया था मसौदा तैयार

दोनों राज्यों की सीमाओं को विभाजित करने वाली यमुना का सीमांकन करने के लिए 1974 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री उमा शंकर दीक्षित द्वारा एक विधेयक का मसौदा तैयार किया गया था, जिस पर वर्ष 1975 में दोनों राज्यों को लागू करने के लिए कहा गया था ताकि यमुना को नियंत्रित किया जा सके. खंभे लगाने का कार्य दीक्षित अवार्ड- 1974 को आधार मानकर किया जाएगा.

अधिकारी ने कही ये बात

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच यमुना में सीमा को भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा चिह्नित किया जाएगा. यमुना नदी में बाउंड्री पिलर बनाने का कार्य होगा. करनाल में निर्माण प्रक्रिया शुरू की गई है- मनीष यादव, डीआरओ, करनाल

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