हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को लगाई फटकार, विधवा की पेंशन रोके जाने पर लगाया इतना जुर्माना

चंडीगढ़ | विधवा की पेंशन रोके जाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (PHHC) ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है. साथ ही सरकार के रवैया को लेकर भी सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने विधवा को 1 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया. आदेश के बाद पीड़िता ने भी राहत की सांस ली है. साथ ही हाईकोर्ट का भी धन्यवाद किया है.

HIGH COURT

हाईकोर्ट ने कही ये बात

हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कहा कि याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं थी, फिर भी उसे 15 महीने तक पेंशन से वंचित रखा गया. हाई कोर्ट ने कहा कि अब जब दोबारा पेंशन तय की गई है तो इसमें से 9,000 रुपये प्रति माह की कटौती का फैसला लिया गया है, जो ठीक नहीं है.

हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को अगले 39 महीने तक पेंशन से 4500 रुपये प्रति माह काटने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने गलती से पेंशन में अतिरिक्त भुगतान होने पर गलती सुधार के लिए पारिवारिक पेंशन रोकने के सरकार के फैसले को मनमाना, संवेदनशील और अमानवीय करार दिया.

इस वजह से हुई समस्या

गौरतलब है कि 2009 में सरकार द्वारा पेंशन नियमों में संशोधन किया गया था और पहले 10 वर्षों के लिए पेंशन राशि 50% तय की गई थी. 2013 तक वेतन का 50% भुगतान ना करके 2021 तक 50% भुगतान किया. अगस्त 2021 से अगले 15 महीनों तक कोई भुगतान नहीं किया. अक्टूबर 2022 में फिर से पेंशन निर्धारित की गई. तब अतिरिक्त भुगतान की वसूली के लिए हर महीने पेंशन से 9,000 रुपये की कटौती की गई.

ये था पूरा मामला

भिवानी की सर्वेश देवी की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उनके पति लीडिंग फायरमैन के पद पर काम करते थे. 2003 में एक दुर्घटना के कारण उनकी मृत्यु हो गई. नियमानुसार याचिकाकर्ता को पारिवारिक पेंशन का भुगतान शुरू कर दिया गया. पहले 7 वर्षों के लिए वेतन का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाता रहा. बाद में इसे घटाकर 30% कर दिया गया था. उसके बाद उन्होंने अधिकारियों के चक्कर काटे, मगर कोई भी समाधान नहीं हुआ.

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