हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले JJP- BJP में मतभेद, समझें राजनीतिक मायने

चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी गठबंधन में मतभेद के संकेत मिल रहे हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं. हालांकि, दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने सरकार बनाने के लिए JJP का समर्थन लिया था. मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया. दुष्यंत को डिप्टी सीएम बनाया गया. अब दोनों दलों के नेताओं ने हाल ही में देब के साथ एक- दूसरे पर यह कहते हुए ताना मारा कि जेजेपी ने भाजपा को समर्थन देकर कोई उपकार नहीं किया है.

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खूब चल रही बयानबाजी

हरियाणा में बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दोनों सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं के बीच खुली बयानबाजी से खट्टर सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच गुरुवार को हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की है, जिससे राज्य का राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी हरियाणा में खट्टर सरकार को बचाने और जजपा का विकल्प तलाशने की तैयारी में जुट गई है.

प्रदेश प्रभारी ने कही ये बात

गुरुवार को बीजेपी के प्रदेश प्रभारियों से मुलाकात करने वाले निर्दलीय विधायकों में धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान के नाम शामिल हैं. इस मुलाकात के बाद, बिप्लब कुमार देब ने बयान जारी कर कहा कि निर्दलीय विधायकों ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास जताया.

देब ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ‘डबल इंजन’ सरकार की नीति के साथ आगे बढ़ रही है और राज्य की प्रगति के लिए काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी और जजपा के बीच मतभेद के संकेत मिले हैं. बीजेपी को लेकर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दिया बयान. उसके बाद, बीजेपी की तरफ से हरियाणा के प्रभारी बिप्लब देव ने पलटवार किया.

क्या है विवाद की जड़

बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब ने उचाना सीट से बीजेपी की प्रेमलता को अगला विधायक बताया था जबकि इस सीट से मौजूदा समय में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं. इसके अलावा, भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में भी जजपा के खिलाफ जमकर निशाना साधा गया. हालांकि, कहीं भी नाम से टारगेट नहीं किया गया था।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बिप्लब देव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर किसी के पेट में दर्द है तो मैं दर्द की दवा नहीं दे सकता. न मेरे पेट में दर्द है, न मैं डॉक्टर हूं. मेरा काम अपनी पार्टी के संगठन को मजबूत करना है. इससे पहले भी कई बार दुष्यंत का स्टैंड गठबंधन की लाइन से इतर देखा गया था. किसान आंदोलन से लेकर पहलवानों के विरोध तक में वह खुलकर भाजपा से अलग खड़े नजर आए।

सपोर्ट कर कोई अहसान नहीं किया

दुष्यंत के बयान पर बिप्लब देव ने जेजेपी पर निशाना साधा और कहा- अगर जेजेपी ने उनका समर्थन किया है तो उन्होंने अहसान नहीं किया है. इसके बदले में उन्हें (जजपा) मंत्री पद भी दिया गया है. गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा है कि अब तक सरकार चल रही है. निर्दलीय विधायक भी हमें (भाजपा को) समर्थन दे रहे हैं. हमारे संपर्क में कई निर्दलीय विधायक हैं.

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