हरियाणा में अब तोंद निकले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं, गृहमंत्री अनिल विज हुए सख्त

चंडीगढ़ | हरियाणा में अब उन पुलिसकर्मियों की खैर नहीं है जिनका वजन हाइट के हिसाब से ज्यादा है. राज्य के DGP ने सभी अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट में नियमानुसार, ऊंचाई और वजन की तालिका के अनुसार ब्योरा मांगा गया है. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 18 मई को इस संबंध में आदेश जारी किए थे.

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जिसमें यह कहा गया था कि जिन पुलिसकर्मियों का वजन ज्यादा है, उन्हें लाइन हाजिर किया जाए. मामले में कार्रवाई ना होने पर विज ने हरियाणा पुलिस को रिमाइंडर भेजा था जिसमें विज ने इस पूरे मामले को लेकर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की थी.

पहचान कर होगी कार्रवाई

बता दें कि विज के निर्देश के बाद हरियाणा पुलिस के डीजीपी पीके अग्रवाल ने प्रदेश के सभी डीसीपी और एसएसपी को पत्र लिखकर नियमानुसार ऊंचाई और वजन की रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही, ऐसे पुलिस कर्मियों का ब्योरा भी मांगा गया है जो मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं. गृह मंत्रालय इन अधिकारियों की पहचान कर नियमानुसार कार्रवाई करेगा.

आदेश में देरी की ये वजह आई सामने

विज के आदेश में देरी की वजह भी सामने आ गई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिटनेस स्तर में सुधार एक धीमी प्रक्रिया है. इसमें तेजी लाने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं. यह ज्ञात नहीं है कि फिटनेस स्तर को बीएमआई या कर्मियों के प्रशिक्षण सहनशक्ति के आधार पर आंका जाना चाहिए या नहीं.

पुलिस अधिकारियों ने दिया ये बयान

एक अधिकारी ने कहा कि मंत्री ने शायद असम में शुरू की गई इसी तरह की कवायद से संकेत लिया है. जहां पुलिस को वापस सामान्य स्थिति में आने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था. ऐसा न करने पर उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा जाएगा. हालाँकि, उन्होंने पहल की घोषणा करने से पहले विवरण और ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या पर काम किया था. हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने टिप्पणी की है कि ऐसे आदेश पारित करने से पहले एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है.

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