गांवों में होगा सर्वे, कोरोना संक्रमितों को ढूंढकर इलाज कराएगी सरकार

चंडीगढ़ । हरियाणा को कोरोना से बचाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद मैदान में उतर हुए हैं. दिन-रात अधिकारियों से बैठक कर रहे सीएम इस दौरान केंद्र सरकार से सीधे संपर्क में है. पिछले एक सप्ताह में मुख्यमंत्री 17 जिलों का दौरा कर कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा ले चुके हैं.

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प्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति लगातार बहतर हो रही है. एक सप्ताह के दौरान चाहे कोरोना से मौतों का मामला हो या मेडिकल सुविधाएं दवाइयों, अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की उपलब्धता, हर क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार आया है. प्रदेश में 24 अप्रैल को काराना से होने वाली मृत्यु दर 0.90 प्रतिशत थी जो अब 0.87 प्रतिशत रह गई है.

इसी प्रकार 19 अप्रैल को 3663 मरीज ठीक हुए थे, जबकि 2 मई को वह आंकड़ा लगभग तीन गुना बढ़कर दस हजार 423 हो गया. मुख्यमंत्री के प्रयासों से 22 अप्रैल का ऑक्सीजन काटा 156 टन से बढ़कर 162 मीट्रिक टन हो गया था. अब यह कोटा 2.57 टन हो गया है. पीएसए तकनीक आधारित छह प्लांट फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, अंबाला, पंचकूला और हिसार में तैयार हो चुके हैं. इनमें से सोनीपत प्लांट में उत्पादन शुरू हो चुका है और बाकी प्लांट्स से तीन-चार दिनों में शुरू हो जाएगा. कोई भी व्यक्ति डाक्टर की पर्ची दिखाकर व्यक्तिगत तौर पर ऑक्सीजन ले सकता है.

सोमवार को मुख्यमंत्री ने पलवल नूंह , रेवाड़ी और फतेहाबाद में जाकर व्यवस्थाएं देखी और कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही नल्हड़ मेडिकल कालेज का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सर्वे कराने के निर्देश दिए. सर्वे के दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो उसे तुरंत होम आइसोलेशन पर रहने की सलाह दी जाए ताकि संक्रमण को संभावना को रोका जा सके. अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है तो उसे अस्पताल में दाखिल कर उसका इलाज किया जाए.

 

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