फीफा वर्ल्ड कप में हरियाणा की इन पांच लड़कियों का हुआ चयन, यहां जाने पूरी हिस्ट्री

चंडीगढ़ | हॉकी, बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेलों में अपना जलवा दिखाने के बाद अब बुधवार से शुरू हो रहे फुटबॉल फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप में भी हरियाणा की लड़कियां चमचमाती नजर आएंगी. बता दें कि विश्व कप की 23 सदस्यीय भारतीय टीम में हिसार और भिवानी जिले की 5 लड़कियां शामिल हैं. महिला विश्व कप टीम में जिन पांच लड़कियों का चयन किया गया है वे सभी मध्यमवर्गीय परिवारों से आती हैं. नेहा के पिता मांगली गांव के धरमबीर मनरेगा मजदूर हैं जबकि काजल के पिता हिसार जिले के इसी गांव के रहने वाले हैं और छोटे किसान हैं.

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इसके अलावा टूर्नामेंट में जिन तीन लड़कियों का चयन किया गया है उनमें हिसार जिले के गांव चुली बड़ियां की निकिता और भिवानी जिले के गांव अलखपुरा की वार्शिका और शैलजा हैं. फुटबॉल महिला अंडर-17 विश्व कप 11 से 30 सितंबर तक होगा. भारती की ओर से खेलते हुए हरियाणा की इन बेटियों का सामना जर्मनी, स्पेन, अमेरिका, ब्राजील और जापान जैसी टीमों से होगा, जिन्हें इस बार फुटबॉल का पावरहाउस कहा जाता है.

अकेले हरियाणा के 23 में से 5 खिलाड़ी

23 सदस्यीय टीम में अकेले हरियाणा की 5 लड़कियों के चयन पर खुशी जाहिर करते हुए हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि हिसार और भिवानी से 5 लड़कियों का चयन एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि इन लड़कियों ने अलग-अलग मौकों पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत साबित की है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण और मध्यम परिवार से आने वाली इन लड़कियों ने पहले सुब्रतो कप जीता था. वहीं, क्षेत्र के अन्य फुटबॉल प्रेमियों ने कहा कि इन लड़कियों के पास न तो अभ्यास के लिए अच्छे मैदान थे और न ही अच्छे उपकरण फिर भी वे स्थानीय कोचों की मदद से यहां पहुंचीं.

ढिल्लों ने लड़कियों को खेलने के लिए किया प्रेरित

शिक्षा विभाग के कोच सुखविंदर ढिल्लों ने कहा कि 16 साल पहले मांगली गांव के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में तैनात होने के बाद उन्होंने इन लड़कियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था. उन्होंने कहा कि ये लड़कियां बहुत मेहनती हैं और इनमें असीम कौशल है. उन्होंने कहा कि कम समय में एक अच्छी टीम बनाने में कामयाब रहे.

उनकी स्कूल टीम तीन बार स्टेट चैंपियन बनी और 2015 में सुब्रतो कप जीता, जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन है. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व शासकीय बालिका विद्यालय अलखपुरा की टीम ने सुब्रतो कप भी जीता था, इसके अलावा हिसाल जिले के सदलपुर और चुली बगरिया गांव की लड़कियां भी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं.

स्पोर्ट्स कोटे से 20 लड़कियों को मिली सरकारी नौकरी

वर्तमान में मांगली गांव के आसपास के विभिन्न गांवों की लगभग 30 लड़कियां जो कि गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंगी में पढ़ती हैं, देश के विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल क्लबों के साथ खेल रही हैं. ये सभी लड़कियां मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं, ये परिवार इन बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन और उपकरण भी नहीं खरीद सकते. इसके बावजूद इन लड़कियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित किया है और इनमें से 20 को खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी मिली है.

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