सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर करता था ठगी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

चंडीगढ़ |हरियाणा और दिल्ली में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह पकड़ा गया है. स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने सुना देते हुए बताया कि फर्जी नियुक्ति व साक्षात्कार पत्र जारी करने वाले जितेंद्र ने नौकरी दिलाने के लिए 13 लोगों को ठगा है उसके पास से पुलिस की फेक ईमेल आईडी मिली है.

Police Photo

हरियाणा कर्मचारी आयोग एक बार फिर से खबरों की सुर्खियों में आ गया है. हरियाणा तथा दिल्ली में नौकरी दिलाने का निर्माण चलाने का मुख्य आरोपी नारायणगढ़ का निवासी जितेंद्र. प्रदेश होने दिल्ली में नौकरी दिलाने का गिरोह चला रहे नारायणगढ़ के निवासी जितेंद्र के पास से पुलिस नारायणगढ़ के निवासी जितेंद्र के पास से पुलिस भर्ती 50 एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं जो कि आयोग के नाम पर बने हैं.

जानिए क्या है पूरा मामला

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने यह भी बताया कि आरोपी के रिकॉर्ड में हरियाणा पुलिस की एक फेक ईमेल आईडी भी मिली है जिसका प्रयोग है नियुक्ति पत्रों को भेजने के लिए करता था उसने फोन में आयोग के अन्य कर्मचारियों के नंबर सेव कर रखे हैं. पुलिस हम पूरे रिकॉर्ड के आधार पर इन कर्मचारियों के साथ जितेंद्र का क्या कनेक्शन है पता लगाया जाएगा. जितेंद्र के गिरोह ने 13 लोगों को  सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक ठगा है.

फर्जी गिरोह के पास से यह जानकारी पता लगी

जितेंद्र के बैंक खाते के जरिए एक व्यक्ति के साथ 27 लाख का लेनदेन भी किया गया है. 6 लोगों को फर्जी साक्षात्कार पत्र भी भेजा गया है स्पीकर नहीं है जी बताएं कि गिरोह में शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा. जितेंद्र हरियाणा पुलिस की कांस्टेबल भर्ती में हिसार जॉइनिंग का एक जोइनिंग पत्र भी 21 अगस्त 2021 को जारी किया है. उसकी भी जांच कराई जाएगी. जितेंद्र के पास जो भी रिकॉर्ड मिला है वह पुलिस को सौंप दिया गया है.

जितेंद्र के गिरोह ने ना केवल हरियाणा की भर्ती के फर्जी पत्र जारी किए . उसने दिल्ली पुलिस की भर्ती का अभी पत्र जारी किया है. मोबाइल में उसकी कॉपी मिली है उन्होंने बताया कि 6:00 बजे साक्षात पत्र देने के बदले पैसे लेने के दस्तावेज मिले हैं कुछ अन्य लेनदेन का भी खुलासा हुआ है. संपूर्ण जानकारी को चंडीगढ़ पुलिस को सौंप दिया गया है.

जानिए जितेंद्र के गिरोह पर शक कब हुआ

इस घटना के संदर्भ में जब पता चला तब पिंजोर निवासी नीरज को तो रोल नंबर जितेंद्र ने जारी किया था मैं किसी अन्य परीक्षार्थी का था. जिससे फर्जीवाड़े का संदेह और गहरा हो गया ऐसी भर्तियों के लिए भी उसने साक्षात पत्र वह रोल नंबर जारी कर दिए जिनके लिए युवाओं ने आवेदन ही नहीं किया था. जिसके चलते जितेंद्र के गिरोह पर शक बढ़ता गया. अंत में पुलिस ने जितेंद्र को गिरफ्तार किया तो पूरा मामला पता लगा.

हरियाणा कर्मचारी आयोग सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि जितेंद्र के फोन में कई आयोग के कर्मचारियों के नंबर सेव पाए गए. हरियाणा कर्मचारी आयोग के प्रवक्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. इस घटना के संदर्भ में सूचना भी हरियाणा कर्मचारी आयोग के प्रवक्ता ने दी है.

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