चरखी दादरी: ट्रक चलाकर पिता ने उठाया खर्चा, अब बेटी कविता ने चंद्रयान 3 की लैंडिंग में निभाई अहम भूमिका

चरखी दादरी | पूरे देश में चंद्रयान की सफल लैंडिंग को लेकर खुशी का माहौल है. साथ ही, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए पूरे देश से इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दी जा रही है. इसमें दादरी के एक ट्रक ड्राइवर की बेटी कविता भी शामिल है. कविता ने अपने पिता के संघर्ष को अपनी ताकत बनाकर उनका सपना पूरा किया और अपने परिवार वालों का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया.

Kavita Scientist Charkhi Dadri

ट्रक ड्राइवर नरेश की है 4 बेटियां

बता दें कि चरखी दादरी के कलियाणा गांव निवासी ट्रक ड्राइवर नरेश कुमार की चार बेटियां हैं. तीसरी बेटी कविता साल 2017 में इसरो में वैज्ञानिक के पद पर नियुक्त हुईं थी. ट्रक चलाकर चार बेटियों और एक बेटे को अफसर बनाने के लिए दिन- रात मेहनत की. कविता ने साल 2019 में चंद्रयान 2 की टीम मेंबर के तौर पर काम किया और असफलता के बाद भी हिम्मत नहीं हारी.

2017 में वैज्ञानिक के पद पर हुई थी नियुक्त

कविता के माता- पिता ने बताया कि कविता इसरो के बेंगलुरु सेंटर में वैज्ञानिक के पद पर तैनात हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी अपनी बेटियों को बोझ नहीं समझा. चार बेटियों समेत पांच बच्चों की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं आई. वर्ष 2017 में कविता का चयन इसरो में हुआ था. कविता के भाई सचिन ने बताया कि कविता ने चंद्रयान 2 के सदस्य के रूप में इसरो में काम किया था.

असफलता के बाद भी बहन और टीम ने हिम्मत नहीं हारी. अब बहन ने चंद्रयान 3 में अपनी खास भूमिका निभाकर देश का नाम रोशन किया है. गांव में भी खुशी का माहौल है. बेटी कविता के इस सफलता में शामिल होने पर परिजनों ने मिठाइयां बांटी और बेटी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.

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