शिक्षा विभाग का फैसला: हरियाणा में स्कूली बच्चों की बनेगी अपार आईडी, मिलेंगे अनगिनत फायदे

चंडीगढ़ | हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री- एपीएएआर (अपार) आईडी बनाने को लेकर स्कूलों में काम शुरू हो गया है. स्टूडेंट कार्ड में अपार आईडी नंबर लिखना जरूरी कर दिया है, ताकि विद्यार्थियों की नई पहचान जल्द उजागर हो सके. इसको लेकर कुछ स्कूलों ने तो बच्चों को फार्म भी थमा दिए हैं, जो कि अभिभावकों की ओर से भरे जाने हैं.

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एक क्लिक में सामने होगा पूरा रिकॉर्ड

इसके तहत प्रदेश में प्री- प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाई जाएगी. इसके बनने के बाद उनका रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा. इसके बाद, एक क्लिक में ही उनका पूरा शैक्षणिक रिकॉर्ड सामने आ जाएगा. सभी विद्यार्थियों की 12 अंकों की यूनिक आईडी मिलेगी.

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अपार ID में शामिल होगी ये जानकारियां

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अपार आईडी बनने के बाद विद्यार्थी देशभर में किसी भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करेगा, उसकी आईडी वही रहेगी. इसके लिए सभी शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वह आईडी बनाते समय बच्चे से संबंधित सभी विवरण ध्यान पूर्वक भरें. इसमें बच्चे के माता- पिता का नाम, कक्षा, पिछली कक्षा का रिजल्ट और बच्चे की व्यक्तिगत जानकारियां शामिल रहेंगी. इस योजना का विद्यार्थियों व स्कूलों दोनों को ही फायदा मिलेगा.

क्या है अपार ID?

  • ये 12 अंकों का एक यूनिक कोड होगा.
  • इसके लिए आधार कार्ड की जरूरत होगी.
  • कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) की जरूरत होगी.
  • स्टूडेंट्स को एकेडमिक अकाउंट में उच्च शिक्षा कोर्स के लिए क्रेडिट दिए जाएंगे.
  • ये कमर्शियल बैंक होगा जहां प्वाइंट्स ऐड होंगे.
  • इस आईडी से स्टूडेंट्स देश की किसी भी यूनिवर्सिटी या कालेज में दाखिला ले सकेंगे.
  • इसका रजिस्ट्रेशन छात्रों के लिए ऑप्शनल होगा.
  • प्रत्येक छात्र की एक अद्वितीय और स्थाई 12- अंकीय आईडी बनाई जाएगी. यह छात्रों को रोजगार तक बेहतर पहुंच के लिए शैक्षणिक रिकॉर्ड आसानी से साझा करने में सहायक रहेगा.
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क्यों जरूरी है अपार ID?

सोनीपत के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र छिकारा ने बताया कि एक देश- एक छात्र योजना को लागू करने के लिए विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई जा रही है. इसे डीजी लॉकर से जोड़ा जाएगा. इसमें स्टूडेंट्स सभी दस्तावेज सुरक्षित रख सकेंगे. आईडी बनने पर विद्यार्थी को देश के किसी भी कोने में तलाश किया जा सकेगा. इससे ड्रॉप आउट को खत्म करने में मदद मिलेगी.

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होंगे ये फायदे

अपार ID के माध्यम से छात्रों की परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड, लर्निंग आउटकम, ओलंपियाड, स्किल ट्रेनिंग और खेल उपलब्धियों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से संरक्षित की जाएगी. इन सभी आंकड़ों तक डिजी लॉकर की मदद से पहुंच आसान होगी. आईडी का उच्च शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में भी खासा योगदान रहेगा.

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