पहली बार अपहरण के बाद आरोपी को छूट देना, निकिता के लिए बन गया मौत का कारण

फरीदाबाद | निकिता के पिता ने बताया कि वे 25 साल पहले यूपी के हापुड़ को छोड़कर बच्चों के भविष्य के लिए यहाँ बल्लभगढ़ में आकर बस गए. उनके 2 बच्चों में बेटा भुवन बड़ा और निकिता छोटी थी. निकिता एनडीए कि तैयारी कर रही थी. उसका सपना देश कि सेवा करने का था, लेकिन यह सपना अब कभी पूरा नहीं होगा निकिता के पिता ने आगे बताया कि 2018 में आरोपी तौसीफ ने निकिता को अगवा कर लिया था.

NIKITA

उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी और पुलिस निकिता को ढूंढ कर ले आयी लेकिन उस समय उन्होंने समाज और बदनामी के डर से लड़के पर कोई केस नहीं किया समझौता कर लिया. उसकी कीमत उन्हें अब अपनी बेटी कि मौत से चुकानी पड़ी, अगर उस समय आरोपी पर केस करते तो शायद आज निकिता जिन्दा होती.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि लड़के के दादा चाचा और भी कई रिश्तेदार राजनीति में रह चुके हैं. उनके इसी राजनीतिक रसूख का फायदा उठाया हैं. आरोपी ने तभी तो दिनदहाड़े कॉलेज के बाहर लड़की कि गोली मारकर हत्या कर बेखौफ फरार हो गया. पुलिस ने भी आरोपी को पकड़ने में देर नहीं की  5 घंटे में ही आरोपी को मेवात से पकड़कर ले आये. इसकी वजह यह थी कि लड़के का मोबाइल ऑन था. जिससे वह अपने रिश्तेदारों को कॉल कर रहा था.

जिससे पुलिस को उसका पता आसानी से लग गया, लेकिन सोचने वाली बात है कि अग्रवाल कॉलेज में पेपर चल रहे थे.  पेपर होने के बाद भी पुलिस वहाँ नहीं थी, जबकि बड़ी संख्या में कॉलेज में छात्राएँ पेपर देने आती हैं.  कॉलेज से 100 मीटर कि दूरी पर बल्लभगढ़ पुलिस का थाना है.

पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया कि अब इस केस की जांच एसीपी क्राइम अनिल कुमार द्वारा एसआईटी गठित की हैं . साथ ही साथ यह भी कहा कि पुलिस पीड़ित परिवार के साथ है. आरोपी के खिलाफ सारे सबूत पुलिस के पास मौजूद हैं. आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. इस मामले को लव जेहाद का मामला बताया जा रहा है. जिससे कई धार्मिक संगठन भड़क गए और सड़कों पर जगह – जगह जाम लगा दिया हैं.

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