मार्च महीने तक प्राइवेट हो जाएगा यह बड़ा बैंक, देख ले कही आपका अकाउंट भी तो नही यहाँ

नई दिल्ली | सरकार की तरफ से पिछले काफी सालों से बैंकिंग व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसी दिशा में अब सरकार एक बार फिर से बैंकों का निजीकरण करने जा रही है. आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए बोलियां मार्च तक आमंत्रित की जाएंगी. इस बैंक को बेचने की प्रक्रिया भी अगले वित्त वर्ष में शुरू हो जाएगी. अधिकारियों की तरफ से जानकारी साझा की गई. सरकार की IDBI बैंक में कुल 60% हिस्सेदारी है, जिसे बेचकर वह इस बैंक का निजीकरण करना चाहती है.

IDBI Bank

जल्द होगा इस बड़े सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन

इसके लिए पिछले सप्ताह ही संभावित निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की गई थी. इसके लिए बोलियाँ या रूचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर रखी गई है. बता दें कि ईओआई और इच्छुक आवेदन कर्ताओं को भारतीय रिजर्व बैंक से उचित एवं उपयुक्त मूल्यांकन की मंजूरी मिलने के बाद गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद योग्य बोली दाताओं को डाटा रूम तक पहुंच प्रदान कर दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है.

सरकार और LIC की हिस्सेदारी घटकर हो जाएगी इतनी

अगले साल मार्च महीने तक आईडीबीआई बैंक के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जा सकती है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि बैंक में रणनीतिक बिक्री का यह पहला मामला होगा. जिस वजह से प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे सवाल भी उठ सकते हैं. संभावित निवेशकों के पास आवेदन करने के लिए न्यूनतम 22,500 करोड रुपए की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए. साथ ही, बोली लगाने के लिए पात्र व्यक्ति की कंपनी का पिछले 5 सालों में से 3 साल में शुद्ध लाभ में होना जरूरी है.

भारतीय जीवन बीमा निगम के पास आईडीबीआई बैंक के 529.41 करोड़ के शेयरों के साथ 49.24% फ़ीसदी हिस्सेदारी है. हिस्सेदारी बिक्री के बाद बैंक में एलआईसी और सरकार की हिस्सेदारी 94.72% से घटकर 34% रह जाएगी. सरकार इस बैंक में अपनी 30.48% फ़ीसदी और एलआईसी इस बैंक 30.24% हिस्सेदारी बेचेगी.

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