HBSE ने कक्षा 6वीं से 10वीं तक इतिहास का बदला पाठ्यक्रम, 36 साल बाद लिया फैसला

भिवानी । हरियाणा शिक्षा बोर्ड (HBSE)  से जुड़े बच्चे अब 1970 का इतिहास पढ़ेंगे आपकी जानकारी के लिए बता  कि क्रीम करीब 30 फीसद तक का बदलाव किया गया है.जिसमें आजादी के 50 साल बाद तक का इतिहास शामिल किया गया है.

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क्यों लिया फैसला

बता दें कि अब हरियाणा के स्कूली छात्र सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह का विस्तार पूर्वक इतिहास पढ़ेंगे. इससे पहले इन सभी देशभक्तों के बारे में इतिहास के पन्नों में बहुत ही कम जगह दी गई थी. आपको यह भी बता दें कि बदलाव की गई पुस्तकों को कॉपीराइट के लिए भेज दिया गया है.नए सत्र में इन पुस्तकों को पढ़ाया जाएगा. बता दें कि यह बदलाव कक्षा छेवीं से दसवीं तक की इतिहास की पुस्तकों में किया गया है.

बच्चों को दी जाएगी यह शिक्षा

बता दें कि इतिहास की पुस्तकों में महापुरुषों के बारे में विस्तार से बताया गया है.साथ ही पुराने भारत का बोध कराया गया है यानि की देश उस समय सोने की चिड़िया हुआ करती थी. इसके बारे में भी जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई है. इसके साथ ही आजादी के बाद देश की उन्नति के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि देश में किन संसाधनों का विकास हुआ है इस बाबत जानकारी भी दी गई है.

36 साल पहले बदला था इतिहास

इससे पहले आपातकाल के समय में 36 साल पहले यानि की 1986 में तब के शिक्षा मंत्री अर्जुन सिंह ने पूरे देश भर में इतिहास के पाठयक्रम में बदलाव किया था,उसके बाद 36 साल बाद अब इतिहास में फिर से थोड़ा बदलाव किया जा रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले इतिहास में केवल मुगलों और अंग्रेजों को लेकर ही जानकारी दी जा रही थी. मगर अब नए बदलावों के साथ सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह का विस्तार पूर्वक इतिहास बच्चों को पढ़ाया जाएगा, ताकि बच्चों को इन देशभक्तों के बारे में भी जानकारी अधिक से अधिक हासिल हो.इस वजह से सरकार ने अपना यह फैसला लिया है.

इन राज्यों में भी हुआ बदलाव

आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि हरियाणा से पहले गुजरात, महाराष्ट्र, ओर राजस्थान में भी इतिहास में बदलाव किया गया है. अब हरियाणा में भी इतिहास में बदलाव किया गया है.

इतिहास में नहीं होगा बदलाव

आपकी जानकारी के लिए यह भी बता देें कि इतिहास में बदलाव नहीं किया जा रहा है.केवल उन महापुरुषों को लेकर विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है जिन्हें इतिहास के पन्नों में ज्यादा जगह नहीं मिली है यानी कि इतिहास वही है केवल महापुरुषों के बारे में जानकारियां अब और ज्यादा बच्चों को दी जाएगी. इससे पहले इन महापुरुषों के बारे में बहुत ही कम जानकारियां पाठ्य पुस्तक में थी. मगर अब सरकार के फैसले के बाद अधिक मात्रा में जानकारी बच्चों को दी जाएगी.

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