हिसार के 6 रोगियों में मिले ब्लैक फंगस के लक्षण, जा सकती है आंखों की रोशनी

हिसार । हरियाणा में भी अब ब्लैक फंगस का असर दिखने लगा है. हरियाणा के हिसार में ब्लैक फंगस के संदिग्ध मामले देखने में आए हैं.  बुधवार को जांच के दौरान जींद जिले के रहने वाले एक व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दिए थे. 60 वर्षीय यह व्यक्ति सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 3 दिन से दाखिल है. डॉक्टरों ने अभी भी बुजुर्ग व्यक्ति को ब्लैक फंगस होने की पुष्टि नहीं की है. डॉक्टरों के अनुसार सिविल अस्पताल में उपचाराधीन बुजुर्ग की आंखों में सूजन नजर आई है और दिखाई देने की क्षमता भी कम हुई है. गौरतलब है कि ब्लैक फंगस आंखों पर बुरा प्रभाव डालता है.

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इसके असर से आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी बना रहता है.सिविल अस्पताल में उपचाराधीन बुजुर्ग का शुगर स्तर डॉक्टरों के अनुसार ठीक बताया गया है. डॉक्टर के अनुसार बुजुर्ग ने पहले शुगर कंट्रोल करने के लिए वक्सोना स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था. चिकित्सकों की मानें तो कई बार इसकी मात्रा ज्यादा लेने से भी ब्लैक फंगस हो सकता है. इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है और उसे 2 महीने तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है तो ठीक होने के बाद उसमें ब्लैक फंगस के लक्षण देखे जा सकते हैं क्योंकि ऐसे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है.

अग्रोहा में भी मिले 5 रोगी

बीते कुछ दिनों में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में भी पांच ऐसे मरीज दाखिल किए गए जिनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दिए थे. मेडिकल कॉलेज की निदेशक डॉक्टर गीतिका दुग्गल ने बताया कि उनकी जांच चल रही है.इन मरीजों के सैंपल जांच के लिए ले लिए हैं.जैसे ही रिपोर्ट आती है,तभी यह मामला कुछ स्पष्ट हो पाएगा. फिलहाल इन के लिए जरूरी उपचार का प्रबंध किया जा रहा है. डॉक्टर दीपिका की मानें तो यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक बेवजह दवाइयां खाता है, तो भी यह बीमारी होने का डर बना रहता है. उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी को कोरोना संक्रमण हुआ है तो उसके साथ-साथ यह बीमारी भी लगने की संभावनाएं होती हैं.उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति तब आती है जब यह फंगस दिमाग में चला जाता है.

जा सकती है आंखों की रोशनी

ब्लैक फंगस का सबसे बुरा प्रभाव यह होता है कि यह मरीज की आंखों की रोशनी को कम तो करता ही है लेकिन यह यदि उच्चतम स्तर पर हो तो मरीज की आंखें भी खराब हो सकती हैं. इस बारे में सिविल अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिपनजीत कौर कामरा ने बताया कि यह बीमारी शुगर के मरीजों में सामान्य होती है.इसके अलावा कोरोना संक्रमित मरीज यदि ठीक हो जाते हैं तो उसके बाद उनमें ऐसे बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं.सबसे पहले यह नाक और उसके आसपास के हिस्से में दिखाई देता है. उसके बाद धीरे-धीरे आंखों तक असर डालता है. इससे मरीज की आंखों की रोशनी भी जा सकती है.

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