संकल्प के पूरा होने का इंतजार कर रहे झज्‍जर जिले के दो गांव, दशकों से नहीं हो रहा होलिका दहन

झज्जर | जिला झज्‍जर के 2 गांव मोहनबाड़ी और झांसवा के गांव के लोग आज भी होली के दिन किसी महिला को बच्चा होने या फिर किसी गाय को बछड़ा होने का इंतजार कर रहे हैं. गांव वालों का यह इंतेज़ार पूरा हो जाने के पश्चात यहां के गांव के लोग होलिका पूजन के पश्चात होलिका दहन भी कर सकेंगे. लेकिन अभी तक गांव के लोगों का यह इंतजार पूरा नहीं हो पाया है. इसलिए इन दोनों गांव के लोग केवल होलिका पूजन ही करते हैं. लेकिन होलिका दहन नहीं कर पाते. गांव वालों के अनुसार इन दोनों गांवों में पहले कभी होलिका दहन नहीं हुआ, ऐसी कोई बात नहीं है. बल्कि कुछ बरसों पहले इन गांव में बड़ी ही धूमधाम से होलिका दहन मनाया जाता था. परंतु कुछ सालों पहले हुए एक हादसे के कारण इस परंपरा को रोकना पड़ा.

holika dahan

 

इस घटना के बाद होलिका दहन पर लगा प्रतिबंध

बुजुर्गों ने बताया है कि काफी लंबे वक्त पहले जब गांव में होलिका पूजन के पश्चात होलिका दहन किया जा रहा था तो उसी समय दो सांड आपस में लड़ने लगे और जलती हुई होली में गिर पड़े. इस होली की आग में गिरने से दोनों सांडों की मृत्यु हो गई. इस दर्द भरी घटना के पश्चात सभी ने मिलकर फैसला किया कि अब होलिका दहन नहीं किया जाएगा. इसके पश्चात हर वर्ष इन दोनों ही गांवों में होलिका पूजन तो अवश्य किया जाता है, लेकिन कभी होलिका दहन नहीं किया जाता. होली के दहन के लिए पहले लिए गए संकल्प के पूर्ण होने का इंतजार किया जा रहा है.

यह संकल्प तो पूरा होगा तभी हो पाएगा होलिका दहन

गांव वालों ने यह संकल्प लिया हुआ है कि यदि होली के दिन गांव में किसी महिला को बच्चा हो जाता है या किसी गाय को बछड़ा हो जाता है, तो फिर गांव में होलिका दहन की परंपरा को फिर से आरंभ कर दिया जाएगा. हर वर्ष गांव के लोग अपने संकल्प के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. परंतु पूर्व में लिया गया संकल्प पूरा ही नहीं हो पा रहा है. गांव के लोग भी इस परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं.

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