मौनी अमावस्या: 30 सालों के बाद बन रहा खप्पर योग, इस प्रकार करें पितरों को प्रसन्न

ज्योतिष | प्राचीन वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माघ माह में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है. बता दें कि माघ माह को धर्म- कर्म तथा पवित्र नदियों व सरोवर में स्नान करने के लिए काफी उत्तम माह माना जाता है. इसी वजह से इस महीने में आने वाली अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है.

Mauni Amavasya

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों के जल में अमृत के गुण आ जाते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास ने बताया कि अबकी बार मौनी अमावस्या पर 30 साल बाद खप्पर योग बन रहा है. इस योग को शनि से संबंधित कार्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वही शनि भी कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं, ऐसे में मौनी अमावस्या पर किए गए उपायों से व्यक्ति अपने सोए हुए भाग्य को जगह सकता है.

कब है मोनी अमावस्या

  • मोनी अमावस्या आरंभ होने का समय – 21 जनवरी 2023 शनिवार को सुबह 6:19 बजे
  • मोनी अमावस्या समाप्त होने का समय- 22 जनवरी 2023 रात 2:25 बजे

इस प्रकार करें पितरों को प्रसन्न

अमावस्या को पितरों का दिन माना जाता है. इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष व कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है. साथ ही, पितरों का आशीर्वाद मिलता है. अतः इस दिन उनके नियमित श्राद्ध, तर्पण आदि के लिए उपाय करने चाहिए.

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, गायत्री मंत्र बोले और सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें.
  • मोनी अमावस्या के दिन पितरों के श्राद्ध तर्पण आदि करें. यदि संभव हो तो इस दिन पिंडदान भी करें, जिससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिल सके.
  • भूखे गरीबों को काले रंग के कंबल, काले तिल, तिल के लड्डू आदि दान करें.

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