हरियाणा की बेटी ने देशभर में लहराया परचम, CA इंटरमीडिएट परीक्षा में हासिल की पहली रैंक

करनाल | शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की लगातार बढ़ती सफलता हर किसी को प्रभावित कर रही है. अपनी मेहनत और सच्ची लगन के दम पर बेटियां लगातार बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल कर रही है. इसका एक ताज़ा मामला हरियाणा के करनाल जिले से हैं, जहां बेटी दीक्षा गोयल ने CA इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम में ऑल इंडिया स्तर पर पहला रैंक हासिल कर जिले के साथ हरियाणा का नाम रोशन किया है. दीक्षा ने 800 में से 693 अंक हासिल कर इस उपलब्धि को हासिल किया है.

Diksha Goyal Karnal Ca

दीक्षा गोयल ने बताया कि देशभर में पहला रैंक हासिल करना आसान काम नहीं था. इसके लिए उन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत की है. उन्होंने दिन में 13 से 15 घंटे पढ़ाई कर इस कामयाबी को हासिल किया है. दीक्षा का पहला रैंक हासिल कर प्रदेश की अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है. उनकी इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है.

CA बनने का था लक्ष्य

करनाल के व्यवसायी की बेटी दीक्षा ने बताया कि उनकी इस उपलब्धि के पीछे परिवार का पूरा सहयोग रहा है. दसवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान ही उसकी रूचि फाइनेंस में हो गई थी. जिसके बाद, उन्होंने CA बनने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने अपनी तैयारियों को जारी रखा और आखिरकार उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई.

दीक्षा ने बताया कि वो अपने परिवार से पहली CA बनेगी. दीक्षा की मां ने बताया कि बेटी की कामयाबी पर गर्व महसूस हो रहा है. दीक्षा ने पिछले साल सीए फाउंडेशन के परीक्षा परिणाम में भी 400 में से 355 अंक हासिल कर सफलता के कदम छूएं थे.

गुरुग्राम में ट्रेनिंग करना प्राथमिकता

दीक्षा गोयल ने बताया कि CA फाइनल की परीक्षा देने से पहले तीन साल की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है और इसके लिए उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी है. इसके अलावा, गुरुग्राम या दिल्ली के किसी संस्थान में ट्रेनिंग करना चाहती है. उन्होंने बताया कि बिग फोर में ट्रेनिंग करना उनकी प्राथमिकता रहेगी और इसके लिए उन्हें भत्ता भी मिलेगा.

कड़े परिश्रम से सफलता

कक्षा 12वीं में ओपीएस विद्यामंदिर से टॉपर करने वाली दीक्षा गोयल ने बताया कि गुरुजनों के प्रोत्साहन और पिताजी के मार्गदर्शन से आज कामयाबी हासिल हुई है. उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए उनके पास बेहद कम समय था लेकिन उन्होंने अपनी तैयारियों को जारी रखा. दीक्षा ने बताया कि कठिन परिश्रम और सच्ची लगन से किसी काम को पूरा करने की ठान ली जाए तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है. बेटियों को भी बेटों के बराबर समझ कर उनका सहयोग किया जाए तो बेटियां आसमान को छू सकती है.

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