हरियाणा: रोडवेज बसों में हो रही हेराफेरी पर अब लगेगी लगाम, ई-टिकटिंग मशीनें आई डिपो

करनाल | हरियाणा के करनाल में आने वाले दिनों में रोडवेज बसों में ई-टिकटिंग की सुविधा देखने को मिल सकती है. इतना ही नहीं बस यात्रियों की सुविधा के लिए बस भी डिजिटल होगी. करनाल डिपो में 20 ई-टिकटिंग मशीनें भी आ चुकी हैं और इन मशीनों से रोजाना काम हो रहा है और किस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है.

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हरियाणा रोडवेज की बसों में टिकट काटने के दौरान कंडक्टरों द्वारा की जा रही हेराफेरी को रोकने और कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टिकटिंग योजना शुरू की गई है. जिसे करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी, सिरसा और चंडीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू किया गया था. अब इसका विस्तार पूरे हरियाणा में किया जाएगा.

कुछ रूटों पर किराए का मुद्दा

रोडवेज के जीएम कुलदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ छह डिपो का चयन किया है. ई-टिकटिंग के परिणाम कैसे निकलते हैं इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी. अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो पूरे हरियाणा में ई-टिकटिंग सिस्टम लागू कर दिया जाएगा.

इस वजह से लिया फैसला

उन्होंने बताया कि करनाल डिपो से रोजाना 20 ई-टिकटिंग मशीनें जा रही हैं. कुछ रूटों पर किराए को लेकर विवाद है, जिसके लिए मुख्यालय ने कमेटी गठित कर दी है. कमेटी अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपेगी. जिसके बाद सभी रूटों पर ई-टिकटिंग सिस्टम लागू कर दिया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो ई-टिकटिंग व्यवस्था लागू होने से पारदर्शिता आएगी. जिससे संचालकों द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर अंकुश लगाया जा सकेगा. बस के प्रत्येक यात्री को ई- टिकट जारी किया जाएगा.

समझें क्या है ई-टिकटिंग

ई-टिकटिंग की कार्यप्रणाली के बारे में रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि मशीन में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है. बस की मौजूदा लोकेशन जहां भी होगी वहीं से टिकट कटेगा. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर कोई बस करनाल से कैथल के लिए चलकर चिढ़ाव पहुंच गई है तो कंडक्टर चिढ़ाव में खड़े होकर करनाल से कैथल का टिकट नहीं काट सकता.

ऐसे में जो परिचालक यात्रियों से किराए के पैसे लेते थे और टिकट नहीं देते थे जब परिचालक सामने देखता कि चेकिंग वाले आ गए हैं तो वह तुरंत यात्री को टिकट थमा देता था लेकिन अब कंडक्टर इस तरह की ठगी नहीं कर पाएगा. मशीन में तत्काल टिकट कटने पर कंडक्टर पकड़ा जाएगा.

किराए के अंतर को खत्म करने की कोशिश

ई-टिकटिंग के जरिए किराए के अंतर को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. अधिकारियों की माने तो रोडवेज बसों में समान किराया को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है. चूंकि कई रूटों पर दो, चार या पांच रुपये का अंतर है उस पर कमेटी काम कर रही है. जरूरत पड़ी तो सर्वे भी किया जाएगा. जिससे रोडवेज संचालकों की परेशानी भी कम होगी. इतना ही नहीं, ई-टिकटिंग की तरह यात्रियों का बस पास भी डिजिटल होगा.

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