करनाल में इतिहास की यादें समेटे हुए है पृथ्वीराज चौहान का क़िला, सरकार की बेरुखी से अब यें हैं हालात

करनाल । करनाल जिले में तरावड़ी का ऐतिहासिक किला आज भी अपने अंदर इतिहास की सुनहरी यादें समेटे हुए है. इस किले में मौजूद कई इमारतें सदियों पहले हुएं युद्धों की गवाही दे रही है. बता दें कि इस किले में पृथ्वीराज चौहान व निर्दयी विदेशी शासक मौहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध हुआ था. तरावड़ी में पृथ्वीराज चौहान का क़िला होने के कारण इस जगह का वर्णन भी इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है. तरावड़ी को ही पहले तराईन के नाम से जाना जाता था. इतिहासकारों के अनुसार पृथ्वीराज चौहान ने सैनिकों के ठहरने के लिए इस किले का निर्माण करवाया था लेकिन अब यह किला सरकार की उपेक्षा का शिकार हो रहा है. यहां आम लोगों ने अपने घर बसा लिए है.

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खंडहर में तब्दील होती जा रही है दीवारें

आज इस किले के नवीनीकरण की जरूरत है. इतिहास को बयां करती किले के चारों तरफ की दीवारें खंडहर में तब्दील होती जा रही है. संबंधित विभाग व प्रशासन भी आंख मूंद कर बैठा हुआ है. यदि संबंधित विभाग द्वारा किले का सौंदर्यीकरण करवाने के साथ-2 यहां पर इतिहास संजोए पुरानी चीजों का बयान कर दिया जाएं तो टूरिस्ट के क्षेत्र में यह किला उभरकर सामने आ सकता है और यहां देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रह सकती है.

भटकने को मजबूर होते हैं पर्यटक

इतिहास जानने के बाद देर-सवेर यदि कोई विदेशी पर्यटक याद देश- प्रदेश के लोग इस किले को देखने के लिए आ भी जाएं तो उन्हें यहां किले से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिल पाती है. संबंधित विभाग द्वारा इतिहास को बयां करने वाले को बोर्ड यहां पर स्थापित नहीं किए गए हैं. संबंधित विभाग व सरकार की बेरुखी के चलते तरावड़ी के इस ऐतिहासिक किले का मूल स्वरूप गायब होता जा रहा है.

पृथ्वीराज चौहान की हार की वजह

सन् 1911-12 में पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच यही पर पहली लड़ाई हुई थी जिसमें मौहम्मद गौरी को हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान के साले जयचंद ने विश्वासघात किया और मौहम्मद गौरी से जा मिला. इसका परिणाम यह हुआ कि पृथ्वीराज चौहान को हार का मुंह देखना पड़ा. तरावड़ी में युद्ध की यादें ताजा करने वाले इस ऐतिहासिक किले का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाया जाएं स्मारक

इस संबंध में काटजू नगर किले वार्ड नंबर एक के पार्षद आत्मप्रकाश ने बताया कि बीते दिनों सीएम मनोहर लाल ने अनाज मंडी में आयोजित चुनावी सभा में तरावड़ी में पृथ्वीराज चौहान के नाम पर स्मारक बनाने की घोषणा की थी. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस स्मारक का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए ताकि यहां से गुजरने वाले लोगों को तरावड़ी के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल हों सकें.

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