केंद्र व राज्य सरकारों के बीच कोरोना वैक्सीन की कीमत को लेकर हुई बातचीत, जानिये मुख्य बाते

नई दिल्ली | कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया. इस बैठक में उन्होंने वैक्सीन परीक्षण के ताजा हालात से लेकर उसकी संभावित कीमत के बारे में अन्य नेताओं से बात की. सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे ही वैक्सीन को वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलेगी, भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा.

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संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा कुछ अहम बातें कही गई

बता दे कि अगले कुछ हफ्तों में कोरोना कि वैक्सीन तैयार हो जाएगी. वैज्ञानिकों की हरी झंडी मिलते ही तुरंत भारत में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 8 ऐसी वैक्सीन है जो ट्रायल के अलग-अलग चरण में है जिनका उत्पादन भारत में ही होना है. भारत की अपनी तीन वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब वैक्सीन के लिए लंबे समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

केंद्र व राज्य सरकारों के बीच वैक्सीन को लेकर बातचीत

केंद्र व राज्य सरकारो की टीमें वैक्सीन के वितरण को लेकर  बात चित कर रही है.भारत में अन्य देशों को लेकर  वैक्सीन की  विशेषता और क्षमता ज्यादा है. वैक्सीन की कीमत को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में बातचीत चल रही है. इसके बारे में निर्णय सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर लिया जाएगा.भारत में अन्य देशों की तुलना में व्यक्ति वितरण में विशेषता और क्षमता बेहतर है. टीकाकरण के क्षेत्र में हमारे पास एक बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क है.

भारत में जल्द तैयार होगी कोरोना वैक्सीन

लगभग 8 टीके भारत में परीक्षण के लिए विभिन्न चरणों में हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि टीका अब बहुत दूर नहीं है. ऐसे में हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण के दौरान कोई अफवाह न फैलाई जाए. ऐसी अफवाहे जो देश विरोधी और मानव विरोधी हैं. सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी भारतीयों को इस तरह की अफवाहों से बचाए.

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोरोना कि सर्वदलीय बैठक को संबोधित किया. हम विश्व भर में कोरोना कि वैक्सीन की खबरें सुन रहे हैं. दुनिया की नजर सबसे कम कीमत वाली, सुरक्षित वैक्सीन पर होगी. इसलिए दुनिया की नजर भारत पर है. फरवरी-मार्च की आशंकाओं पर निर्भर माहौल से लेकर दिसंबर के विश्वास और उम्मीदों भरे वातावरण के बीच भारत ने बहुत लंबी यात्रा तय की है. अब जब हम वैक्सीन के मुहाने पर खड़े हैं तो बड़ी जनभागीदारी, वही साइंटिफिक अप्रोच व सहयोग बहुत जरूरी है.

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