खुशखबरी: देश के ट्रक ड्राइवरो को मिली बड़ी राहत, AC केबिन पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली | केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय का यह कदम देश के उन ट्रक चालकों के लिए बड़ी राहत हो सकता है जो भीषण गर्मी, सर्दी और बरसात के दिनों में रोजाना करीब 12 घंटे ड्राइविंग सीट पर गुजारते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 2025 से सभी ट्रक केबिनों को अनिवार्य रूप से वातानुकूलित (एसी) करने का आदेश दिया है. यह उन चालकों को बहुत आवश्यक आराम प्रदान करेगा जो अक्सर पसीने में भीगने के बावजूद ट्रक चलाते हैं.

TRUCK ROAD TRAFFIC

ट्रक ड्राइवरों के काम करने की कठोर परिस्थितियों और सड़क पर लंबे समय तक लगातार गाड़ी चलाने की थकान को सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बताया जाता है. इस आदेश के बाद, ट्रक चालकों का खर्चा भी 10 से 20 हजार रूपये बढ़ सकता है.

एसी को अनिवार्य रूप से दी मंजूरी

वोल्वो और स्कैनिया जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बनाए गए हाई- एंड ट्रक पहले से ही एसी ट्रक केबिन के साथ आते हैं लेकिन पिछले कई सालों से इस मसले पर बहस के बावजूद ज्यादातर भारतीय कंपनियां इस मामले में आगे बढ़ने से कतरा रही थीं. हालांकि, सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने ट्रक केबिन एसी अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उनके बयान में कहा गया है कि ट्रक इंडस्ट्री को अपग्रेड करने के लिए 18 महीने का ट्रांजिशन पीरियड जरूरी था.

एसी शुरू करने का पहले से था इच्छुक: गडकरी

मौजूदा समय देश में कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे ट्रक पर हैं जबकि अन्य देशों में बस और ट्रक के घंटों की संख्या पर प्रतिबंध है. हमारे ट्रक ड्राइवर 43 से 47 डिग्री के तापमान में गाड़ी चलाते हैं और हमें ड्राइवरों की स्थिति की कल्पना करनी चाहिए. मैं मंत्री बनने के बाद से ही ट्रको में एसी केबिन शुरू करने का इच्छुक था.

गडकरी ने कहा कि ट्रक उद्योग ने मांग की थी कि यह नियम वैकल्पिक होना चाहिए. उनमें से कुछ ने यह भी दावा किया कि ड्राइवर एसी केबिन में सो सकते हैं. बस चालकों को लेकर हमारे मन में हमेशा यही धारणा रहती थी कि चालकों के केबिन सालों से नॉन एसी होते थे लेकिन वॉल्वो बसों के आगमन के साथ इस अवधारणा को उलट दिया गया है और अब सभी लक्जरी बसों में ड्राइवरों के लिए भी एसी केबिन हैं.

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